नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक सुविधाओं के सरलीकरण की प्रक्रिया में अब म्यूटेशन की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर दिया (mutation of owner name property tax records online) है. इसके बाद अब ऑनलाइन माध्यम से संपत्ति कर धारक अपनी संपत्तियों का म्यूटेशन आसानी से करवा सकेंगे. योजना के तहत 01.04.2019 को या उसके बाद बेची/हस्तांतरित संपत्तियों के लिए नाम के ई-परिवर्तन के लिए अलग से आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी.
परिसीमन के बाद नए स्वरूप में सामने आई एमसीडी द्वारा लगातार एक के बाद एक प्रशासनिक सुविधाओं में सुधार कर जनता को सरल माध्यम से सुविधाएं पहुंचाई जा रही है. इसी कड़ी में एमसीडी द्वारा दिल्ली के अंदर संपत्ति के मालिकों को म्यूटेशन के मामलों में ई-परिवर्तन के मद्देनजर ऑनलाइन माध्यम से सुविधा देकर नई नीति शुरू की गई है. इस पूरी योजना के तहत दिल्ली में संपत्ति मालिकों की सुविधा के लिए म्यूटेशन मामलों में नाम के ई-परिवर्तन के लिए एक सरल एकीकृत नीति शुरू की है. ई परिवर्तन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है और अब संपत्ति कर रिकॉर्ड में संपत्ति के नामांतरण में किसी भी तरह का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा.
दिल्ली नगर निगम ने 1 अप्रेल 2019 से पहले पंजीकृत बिक्री विलेख/पंजीकृत समझौते के माध्यम से भूमि स्वामित्व एजेंसी/पंजीकृत उपहार विलेख द्वारा हस्तांतरित संपत्तियों के संदर्भ में आवेदन की प्रक्रिया को और अब सरल कर दिया है. इसके लिए अब केवल पांच सामान्य दस्तावेजों की आवश्यक होगी. इसमें आवेदक से 10/- रुपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र, (विधिवत नोटरीकृत), आवेदक से 100/- रुपये के स्टाम्प पेपर पर क्षतिपूर्ति बांड (विधिवत नोटरीकृत), पिछले मालिक का मृत्यु प्रमाण पत्र, यदि लागू हो, संपत्ति कर के अद्यतन भुगतान की रसीदें और स्वामित्व दस्तावेजों की पूरी श्रृंखला शामिल हैं.
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वहीं पंजीकृत बिक्री विलेख/पंजीकृत अनुबंध के माध्यम से भूमि स्वामित्व एजेंसी/पंजीकृत उपहार विलेख द्वारा हस्तांतरिक संपत्तियों के संदर्भ में 1 अप्रैल 2019 को या उसके बाद, संपत्ति कर उद्देश्य के लिए आवश्यक नाम के ई-परिवर्तन के लिए अलग आवेदन की प्रक्रिया को भी खत्म कर दिया गया है. ये मामले ऑटो ट्रिगर होते हैं और निगम के पोर्टल से डाउनलोड किए जा सकते है. एमसीडी पोर्टल पर आवेदन द्वारा जारी अन्य ई-नाम प्रमाण पत्रों के समान ये प्रमाण पत्र भी वैध है और इनपर किसी भी एमसीडी अधिकारी के मुहर और हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है. जोन के संबंधित सर्कल अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी की वह नाम के स्वत: ई-परिवर्तन के बाद या करदाताओं द्वारा के रिकॉर्ड के उत्पादन पर डी एंड सी रजिस्टर को अपडेट करे. यदि किसी भी मामले में यह ऑटो ट्रिगर नहीं होता है तो निगम के पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है. आवेदक दिल्ली नगर निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर ई-म्यूटेशन/नाम के ई-परिवर्तन के संबंध में पूर्ण विवरण देख सकते हैं.
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