नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन से जुड़े नेताओ और कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (BJP and AAP) दोनों से धोखा मिला है. दोनों पार्टियां उनकी समस्याओं का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ती रहीं और किसी ने भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया. यूनियन के नेताओं ने बताया कि दिल्ली नगर निगम में हजारों कर्मचारी वर्षों से अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं लेकिन उसे स्थायी नहीं किया जा रहा है, यहां तक कि करुणामूलक आधार (compassionate Ground) पर भी आश्रितों को पक्की नौकरी देने में निगम में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
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वेतन पाने के लिए करनी पड़ती है हड़ताल : इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या वेतन और पेंशन की है. कर्मचारियों को न तो समय पर वेतन मिल पा रहा है और और न ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन मिलती है. हालत यह है कि कड़ी मेहनत से काम करने के बाद अपनी मेहनत की कमाई के बदले पैसे पाने के लिए उन्हें धरना- प्रदर्शन और यहां तक कि हड़ताल करनी पड़ती है. कर्मचारियों को सालों से एरियर नहीं मिल रहा है. वर्दी तक उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. निगम कर्मचारियों की मांग कैशलेस मेडिकल कार्ड की रही है लेकिन कर्मचारियों की वह मांग भी पूरी नहीं की जा रही है.
सुरक्षा उपकरण तक नहीं देता निगम : सफाई कर्मचारियों की यूनियन के नेताओं ने कहा कि सफाई कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं लेकिन उन्हें कोई सुरक्षा उपकरण निगम की तरफ से उपलब्ध नहीं कराया जाता है. कोरोना काल में भी निगम के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा की थी. कर्मचारियों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम में वही राज करेगा जो कर्मचारियों के लिए काम करेगा.
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