नई दिल्ली: बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अदालत में सरकारी मामलों की सुनवाई के लिए वकीलों के भुगतान को लेकर कहा कि आबकारी घोटाला मामले की सुनवाई पर सरकार ने पानी की तरह पैसा बहाया है.
सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार द्वारा बीते 3 वर्षों में वकीलों की फीस के मद में हुए भुगतान संबंधी दस्तावेज का जिक्र करते हुए कहा है कि शराब घोटाले से बचने के लिए मनीष सिसोदिया ने कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी को 18.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. कुल 21.50 करोड़ रुपये का भुगतान तो सिर्फ शराब नीति के केसों के लिए नियुक्त वकीलों को किया गया है. मनोज तिवारी का कहना है कि जब केस लड़ने के लिए वकीलों पर इतना खर्चा तो सोचो घोटाला कितना बड़ा होगा.
![मनोज तिवारी द्वारा साझा आंकड़ा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/del-ndl-01-manoj-tiwari-allegation-vis-7201354_02032023160255_0203f_1677753175_592.jpg)
तिवारी ने दिल्ली सरकार द्वारा वकीलों को किए गए भुगतान से संबंधित उक्त पेपर ट्वीट किया है. उसमें 2021-22 में एक्साइज यानी आबकारी विभाग से संबंधित अदालत में चल रहे मामले की सुनवाई के एवज में 16. 9 करोड़ रुपये से अधिक भुगतान वकीलों करने का जिक्र है. वहीं, 2022- 23 में आबकारी से संबंधित मामलों की सुनवाई के मध्य में 5.23 करोड़ रुपये वकीलों को भुगतान करने का जिक्र है. इसके अलावा उस दस्तावेज में उर्जा, शहरी विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पर्यावरण से संबंधित अदालत में चल रहे मामलों की सुनवाई के लिए वकीलों की फीस के मद में विभाग ने किया है.
आबकारी संबंधित मामले की सुनवाई के लिए दिल्ली सरकार ने स्पेशल काउंसिल के तौर पर कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को नियुक्त किया है और उन्हें बीते 1 साल 8 महीने में कुल 18.97 करोड़ फीस के तौर पर भुगतान किया गया है. वही दूसरे नंबर पर अदालत में मामलों की सुनवाई के लिए नियुक्त वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा को 2 साल 8 महीने में 5.30 करोड़ रुपये का सरकार ने भुगतान किया है.
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बता दें, 26 फरवरी को जब आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था. तब देर शाम पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके अगले ही दिन मनीष सिसोदिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी की चुनौती देने की याचिका दायर की गई और यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से दायर की गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से सिसोदिया को कोई राहत नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पहले उन्हें हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था.
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