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JEE Exam 2020: दिल्ली में 18 केंद्रों पर 37 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी देंगे परीक्षा - jee main exam delhi 2020

कोरोना महामारी के बीच आज से जेईई मेन परीक्षा शुरू हो रही है. दिल्ली में 18 परीक्षा केंद्रों पर 37 हजार से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा देंगे. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने संक्रमण से बचने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं. केंद्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को बैठाया जाएगा. प्रवेश द्वार पर नया मास्क पहनने को दिया जाएगा.

more than 37 thousand candidates will appear for jee main exam at 18 exam centers in delhi
18 केंद्रों पर दिल्ली में आयोजित होगी जेईई मेन परीक्षा
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Published : Sep 1, 2020, 7:09 AM IST

नई दिल्ली: देशभर में राजनीतिक और छात्रों के विरोध के बाबत जेईई मेन परीक्षा एक सितंबर से शुरू हो रही है. बता दें कि दिल्ली में 18 परीक्षा केंद्रों पर 37 हजार से अधिक छात्र परीक्षा देंगे. यह परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित कराई जा रही है. वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्रों पर कोविड-19 को लेकर सरकार द्वारा जारी किए गए सभी दिशा निर्देश का पालन करने के लिए सख्त हिदायत दी गई है.

18 केंद्रों पर दिल्ली में आयोजित होगी जेईई मेन परीक्षा

विरोध और समर्थन में उतरे थे कई संगठन

बता दें कि छात्रों से लेकर छात्र संगठन और तमाम राजनीतिक संगठन कोरोना वायरस का हवाला देते हुए परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे थे. वहीं इसको लेकर कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन भूख हड़ताल तक कर रहे थे, तो उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से दिल्ली में परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी, जो खारिज कर दी गई थी.

मनीष सिसोदिया ने किया विरोध

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी जेईई मेन परीक्षा इस समय आयोजित कराने के विरोध में ट्विटर के जरिए मैदान में उतर गए थे. उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को टि्वटर पर टैग करते हुए लिखा था कि आपदा के समय में परीक्षा आयोजित कर छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ करना सही नहीं है. इसके अलावा उन्होंने लिखा था कि परीक्षा का कोई और विकल्प निकाला जाना चाहिए क्योंकि जिस तरीके से कोविड-19 के केस लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में परीक्षा आयोजित करना छात्रों के लिए खतरे से खाली नहीं होगा. वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी व कार्यकर्ता परीक्षा के समर्थन में उतर आए थे. वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने भी वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा था कि परीक्षा को बार बार टालना उचित नहीं होगा.

दिल्ली में 18 परीक्षा केंद्र बनाए गए

बता दें कि दिल्ली में कुल 18 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर 37,790 छात्र परीक्षा देंगे. यह परीक्षा 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित की जाएगी. वहीं परीक्षा के 1 दिन पहले छात्र नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी की गई हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने की कोशिश करते रहे लेकिन उनके सवालों के जवाब नहीं मिले क्योंकि कभी फोन व्यस्त रहा तो कभी फोन उठा ही नहीं. वहीं इसको लेकर एनएसयूआई के सदस्य वैभव यादव ने बताया कि जेईई जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में जब एक सरकारी एजेंसी का परीक्षा के एक दिन पहले इस तरह रवैया है तो जिस दिन परीक्षा होगी उस दिन क्या स्थिति होगी यह समझना काफी मुश्किल है.

दिशा-निर्देश का करना होगा पालन

वहीं परीक्षा केंद्रों पर सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना को लेकर दिशा-निर्देश के सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है. इसके अलावा परीक्षा केंद्रों पर मास्क पहनने को मिलेगा और सैनिटाइजर दिया जाएगा. साथ ही परीक्षा के दौरान छात्रों के अंगूठे का निशान नहीं लगेगा, उनकी पहचान हस्ताक्षर और लिखावट से की जाएगी. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए एक कमरे में 12 छात्रों को ही बैठाया जाएगा. इसके अलावा छात्रों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा.

नई दिल्ली: देशभर में राजनीतिक और छात्रों के विरोध के बाबत जेईई मेन परीक्षा एक सितंबर से शुरू हो रही है. बता दें कि दिल्ली में 18 परीक्षा केंद्रों पर 37 हजार से अधिक छात्र परीक्षा देंगे. यह परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित कराई जा रही है. वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्रों पर कोविड-19 को लेकर सरकार द्वारा जारी किए गए सभी दिशा निर्देश का पालन करने के लिए सख्त हिदायत दी गई है.

18 केंद्रों पर दिल्ली में आयोजित होगी जेईई मेन परीक्षा

विरोध और समर्थन में उतरे थे कई संगठन

बता दें कि छात्रों से लेकर छात्र संगठन और तमाम राजनीतिक संगठन कोरोना वायरस का हवाला देते हुए परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे थे. वहीं इसको लेकर कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन भूख हड़ताल तक कर रहे थे, तो उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से दिल्ली में परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी, जो खारिज कर दी गई थी.

मनीष सिसोदिया ने किया विरोध

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी जेईई मेन परीक्षा इस समय आयोजित कराने के विरोध में ट्विटर के जरिए मैदान में उतर गए थे. उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को टि्वटर पर टैग करते हुए लिखा था कि आपदा के समय में परीक्षा आयोजित कर छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ करना सही नहीं है. इसके अलावा उन्होंने लिखा था कि परीक्षा का कोई और विकल्प निकाला जाना चाहिए क्योंकि जिस तरीके से कोविड-19 के केस लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में परीक्षा आयोजित करना छात्रों के लिए खतरे से खाली नहीं होगा. वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी व कार्यकर्ता परीक्षा के समर्थन में उतर आए थे. वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने भी वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा था कि परीक्षा को बार बार टालना उचित नहीं होगा.

दिल्ली में 18 परीक्षा केंद्र बनाए गए

बता दें कि दिल्ली में कुल 18 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर 37,790 छात्र परीक्षा देंगे. यह परीक्षा 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित की जाएगी. वहीं परीक्षा के 1 दिन पहले छात्र नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी की गई हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने की कोशिश करते रहे लेकिन उनके सवालों के जवाब नहीं मिले क्योंकि कभी फोन व्यस्त रहा तो कभी फोन उठा ही नहीं. वहीं इसको लेकर एनएसयूआई के सदस्य वैभव यादव ने बताया कि जेईई जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में जब एक सरकारी एजेंसी का परीक्षा के एक दिन पहले इस तरह रवैया है तो जिस दिन परीक्षा होगी उस दिन क्या स्थिति होगी यह समझना काफी मुश्किल है.

दिशा-निर्देश का करना होगा पालन

वहीं परीक्षा केंद्रों पर सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना को लेकर दिशा-निर्देश के सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है. इसके अलावा परीक्षा केंद्रों पर मास्क पहनने को मिलेगा और सैनिटाइजर दिया जाएगा. साथ ही परीक्षा के दौरान छात्रों के अंगूठे का निशान नहीं लगेगा, उनकी पहचान हस्ताक्षर और लिखावट से की जाएगी. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए एक कमरे में 12 छात्रों को ही बैठाया जाएगा. इसके अलावा छात्रों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा.

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