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लाइव रनिंग स्टेटस से अंदर की गतिविधि तक, हर बस पर कमांड सेंटर की नजर

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Published : Feb 25, 2021, 1:46 PM IST

दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने वाली हर डीटीसी और क्लस्टर बस पर कमांड सेंटर की नज़र है. बस के लाइव रनिंग स्टेटस से लेकर अंदर की हर गतिविधि तक को कमांड सेंटर से देखा जा सकता है. यह पूरी कवायद यात्रियों और खासकर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए है.

Monitoring of DTC buses from command centre
बसों पर कमांड सेंटर की नजर

नई दिल्ली: दिल्ली महिला सुरक्षा के सवाल को लेकर हमेशा सुर्खियों में रही है. ये सवाल यातायात के साधनों में महिलाओं की सुरक्षा से भी जुड़े हैं. इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले डीटीसी और क्लस्टर बसों को कैमरा, जीपीएस और पैनिक बटन से लैस करने का फैसला किया था. करीब साढ़े 5 हजार बसों में यह पूरी व्यवस्था की जा चुकी है.

लाइव रनिंग स्टेटस से बसों पर कमांड सेंटर की नजर

'हर बस में 3 कैमरे, 10 पैनिक बटन'

अब इन सभी बसों को कमांड सेंटर से जोड़ दिया गया है और कैमरे, जीपीएस के जरिए उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है. कश्मीरी गेट बस अड्डे पर डीटीसी का यह कमांड सेंटर है. इस कमांड सेंटर के टेक्निकल मैनेजर अमर प्रताप ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यह पूरी व्यवस्था बसों में महिला सुरक्षा को डेडिकेटेड है. हर बस में 3 कैमरे और 10 पैनिक बटन लगे हैं.

'स्क्रीन पर बस की लाइव ट्रैकिंग'

अमर प्रताप ने बताया कि जीपीएस के जरिए बस की लाइव ट्रैकिंग होती है. यहां कमांड सेंटर में एक बड़ी दीवार पर बड़ी सी स्क्रीन लगी है, जिसपर दिल्ली के नक्से के अनुसार, सभी बसों का लाइव रनिंग स्टेटस देखा जा सकता है कि बस किस दिशा में है. इस मॉनिटरिंग की पूरी प्रक्रिया को समझाने के क्रम में अमर प्रताप ने एक बस पर क्लिक करके उसकी पूरी जानकारी हमें दी.

'एक क्लिक में मिली पूरी जानकारी'

जिस बस पर अमर प्रताप ने क्लिक किया, वो बस राजघाट के पास थी और 21 किमी की रफ्तार से दक्षिणी पूर्वी दिशा में जा रही थी. बस का नम्बर और जहां बस थी, उस जगह का अक्षांश, देशांतर भी पता चल गया. इसके बाद कैमरे वाले आइकॉन पर क्लिक करते ही पूरी स्क्रीन पर बस के अंदर की तस्वीर खुलकर सामने आ गई. उसमें बस के अंदर की पूरी हलचल देखी जा सकती थी.

'कमांड सेंटर से जुड़ी हैं 5473 बसें'

पूरी दिल्ली में अभी 5473 बसों को इस कमांड सेंटर के जरिए जोड़ा गया है. अमर प्रताप ने बताया कि यह प्रोजेक्ट 5500 बसों का है, लेकिन कुछ बसों के खराब होने या डिपो में होने के कारण उनमें यह सुविधा शुरू नहीं हो सकी है. इस सुविधा के जरिए बस में कोई भी घटना होने पर उसको देखा भी जा सकेगा और उसे लेकर बस के ड्राइवर कंडक्टर या यात्री से बात भी की जा सकेगी.

'पैनिक बटन दबाते ही आएगा अलर्ट'

अमर प्रताप ने बताया कि सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में इस तरह 10 पैनिक बटन लगाए गए हैं कि वो हर सीट से करीब हों. उस पैनिक बटन के दबाते ही कमांड सेंटर में उस बस के नम्बर, लोकेशन और बस के अंदर के वीडियो के साथ अलर्ट आता है और फिर कमांड सेंटर से बस के भीतर बात की जा सकती है. साथ ही, क्यों पैनिक बटन दबाया गया है यह भी जाना जा सकता है.



ये भी पढे़ं:-परिवहन मंत्री ने किया कमांड सेंटर का निरीक्षण, बसों की मॉनिटरिंग का लिया जायजा

'देख सकते हैं 7 दिन का विजुअल'

जिस समय पैनिक बटन दबाया जाता है, उससे पहले के 20 सेकेंड और उसके बाद के 20 सेकेंड का विजुअल कमांड सेंटर में स्क्रीन पर आ जाता है. हालांकि उससे ज्यादा समय का विजुअल भी देखा जा सकता है. अमर प्रताप ने बताया कि हर बस का पिछले 7 दिन का विजुअल डाटा सेंटर में स्टोर होता है. अगर कोई बस किसी स्टॉप पर नहीं रुकती है, तो उसकी भी रिपोर्ट आ जाती है.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली की सभी बसों में कांटैक्टलेस टिकटिंग की सुविधा, आज से शुरू हुआ ट्रायल


'करीब 150 करोड़ का प्रोजेक्ट'

यह पूरी व्यवस्था महिला सुरक्षा के साथ साथ यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर भी अहम है. आपको बता दें कि बीते दिन परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस कमांड सेंटर का निरीक्षण किया था. उन्होंने बताया था कि यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 150 करोड़ का है और अभी इसका ट्रायल शुरू हुआ है. ट्रायल के अनुभव के आधार पर अगले महीने से इसे ऑपरेशनल किया जा सकता है.

नई दिल्ली: दिल्ली महिला सुरक्षा के सवाल को लेकर हमेशा सुर्खियों में रही है. ये सवाल यातायात के साधनों में महिलाओं की सुरक्षा से भी जुड़े हैं. इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले डीटीसी और क्लस्टर बसों को कैमरा, जीपीएस और पैनिक बटन से लैस करने का फैसला किया था. करीब साढ़े 5 हजार बसों में यह पूरी व्यवस्था की जा चुकी है.

लाइव रनिंग स्टेटस से बसों पर कमांड सेंटर की नजर

'हर बस में 3 कैमरे, 10 पैनिक बटन'

अब इन सभी बसों को कमांड सेंटर से जोड़ दिया गया है और कैमरे, जीपीएस के जरिए उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है. कश्मीरी गेट बस अड्डे पर डीटीसी का यह कमांड सेंटर है. इस कमांड सेंटर के टेक्निकल मैनेजर अमर प्रताप ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यह पूरी व्यवस्था बसों में महिला सुरक्षा को डेडिकेटेड है. हर बस में 3 कैमरे और 10 पैनिक बटन लगे हैं.

'स्क्रीन पर बस की लाइव ट्रैकिंग'

अमर प्रताप ने बताया कि जीपीएस के जरिए बस की लाइव ट्रैकिंग होती है. यहां कमांड सेंटर में एक बड़ी दीवार पर बड़ी सी स्क्रीन लगी है, जिसपर दिल्ली के नक्से के अनुसार, सभी बसों का लाइव रनिंग स्टेटस देखा जा सकता है कि बस किस दिशा में है. इस मॉनिटरिंग की पूरी प्रक्रिया को समझाने के क्रम में अमर प्रताप ने एक बस पर क्लिक करके उसकी पूरी जानकारी हमें दी.

'एक क्लिक में मिली पूरी जानकारी'

जिस बस पर अमर प्रताप ने क्लिक किया, वो बस राजघाट के पास थी और 21 किमी की रफ्तार से दक्षिणी पूर्वी दिशा में जा रही थी. बस का नम्बर और जहां बस थी, उस जगह का अक्षांश, देशांतर भी पता चल गया. इसके बाद कैमरे वाले आइकॉन पर क्लिक करते ही पूरी स्क्रीन पर बस के अंदर की तस्वीर खुलकर सामने आ गई. उसमें बस के अंदर की पूरी हलचल देखी जा सकती थी.

'कमांड सेंटर से जुड़ी हैं 5473 बसें'

पूरी दिल्ली में अभी 5473 बसों को इस कमांड सेंटर के जरिए जोड़ा गया है. अमर प्रताप ने बताया कि यह प्रोजेक्ट 5500 बसों का है, लेकिन कुछ बसों के खराब होने या डिपो में होने के कारण उनमें यह सुविधा शुरू नहीं हो सकी है. इस सुविधा के जरिए बस में कोई भी घटना होने पर उसको देखा भी जा सकेगा और उसे लेकर बस के ड्राइवर कंडक्टर या यात्री से बात भी की जा सकेगी.

'पैनिक बटन दबाते ही आएगा अलर्ट'

अमर प्रताप ने बताया कि सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में इस तरह 10 पैनिक बटन लगाए गए हैं कि वो हर सीट से करीब हों. उस पैनिक बटन के दबाते ही कमांड सेंटर में उस बस के नम्बर, लोकेशन और बस के अंदर के वीडियो के साथ अलर्ट आता है और फिर कमांड सेंटर से बस के भीतर बात की जा सकती है. साथ ही, क्यों पैनिक बटन दबाया गया है यह भी जाना जा सकता है.



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'देख सकते हैं 7 दिन का विजुअल'

जिस समय पैनिक बटन दबाया जाता है, उससे पहले के 20 सेकेंड और उसके बाद के 20 सेकेंड का विजुअल कमांड सेंटर में स्क्रीन पर आ जाता है. हालांकि उससे ज्यादा समय का विजुअल भी देखा जा सकता है. अमर प्रताप ने बताया कि हर बस का पिछले 7 दिन का विजुअल डाटा सेंटर में स्टोर होता है. अगर कोई बस किसी स्टॉप पर नहीं रुकती है, तो उसकी भी रिपोर्ट आ जाती है.

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'करीब 150 करोड़ का प्रोजेक्ट'

यह पूरी व्यवस्था महिला सुरक्षा के साथ साथ यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर भी अहम है. आपको बता दें कि बीते दिन परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस कमांड सेंटर का निरीक्षण किया था. उन्होंने बताया था कि यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 150 करोड़ का है और अभी इसका ट्रायल शुरू हुआ है. ट्रायल के अनुभव के आधार पर अगले महीने से इसे ऑपरेशनल किया जा सकता है.

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