नई दिल्ली: सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. मोहिनी एकादशी सभी एकादशियों में सबसे अधिक फलदाई मानी गई है. मोहिनी एकादशी सोमवार, 1 मई 2023 को रखा जाएगा. भगवान विष्णु ने मोहिनी एकादशी के दिन असुरों का सर्वनाश करने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था. मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं. मोहिनी एकादशी के दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने से समृद्धि, यश और वैभव की प्राप्ति होती है, साथ ही मन को शांति मिलती है.
मान्यता है कि मोहिनी एकादशी के दिन गरीब, बेसहारा और जरूरतमंदों को पीले रंग के वस्त्र, अन्न आदि दान करने से आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है. साथ ही घर में आर्थिक संपन्नता आती है. घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है. मोहिनी एकादशी के दिन आप अपने सामर्थ्य के अनुसार दान कर सकते हैं.
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा फलदायक होती है. क्योंकि गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि मैं तिथियों में एकादशी तिथि हूं. प्रातकाल भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं. फल, मेवा, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं. उसके पश्चात एकादशी कथा सुनें अथवा वचन करें. भगवान विष्णु की पूजा करें. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. एकादशी के दिन पक्षियों और पशुओं को भोजन, दाना, चारा आदि खिलाएं.
मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 अप्रैल, रात 08 बजकर 28 मिनट से शुरू.
एकादशी तिथि समाप्त: 1 मई, रात 10 बजकर 09 मिनट पर समाप्त.
मोहिनी एकादशी के व्रत पारण का समय: मंगलवार 2 मई को सुबह 5:40 से सुबह 8:19 तक
० मोहिनी एकादशी को ना करें ये काम
- मोहिनी एकादशी के दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें. मांस, प्याज और लहसुन का सेवन ना करें. किसी भी तरह के नशे जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से भी दूर रहें.
- पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.
- हिंदू धर्म प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उससे प्रेम से व्यवहार करना सिखाता है. मोहिनी एकादशी के दिन किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें, इस बात का विशेष ख्याल रखें. ना ही किसी पर गुस्सा करें. अपशब्द का प्रयोग करने से भी पूर्णता बचें.
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