नई दिल्ली: एक शख्स को बेसबॉल से पीटने के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक सोमदत्त की छह महीने की जेल की सजा पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मुहर लगाई है.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक सोमदत्त को 2015 में एक शख्स को बेसबॉल से पीटने के मामले में छह महीने की जेल की सजा पर मुहर लगाई है, विधायक सोमदत्त ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के फैसले के खिलाफ सेशंस कोर्ट में अपील की थी. सेशंस कोर्ट ने आज इस सजा पर मुहर लगा दी.
सोमदत्त पर 2 लाख का जुर्माना भी लगाया गया
बीते 4 जुलाई को एडिश्नल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने विधायक सोमदत्त को सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सोमदत्त पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
जानकारी के मुताबिक घटना 10 जनवरी 2015 की है जब शिकायतकर्ता संजीव राणा के गुलाबी बाग स्थित मकान पर सोमदत्त 50-60 लोगों के साथ मकान पर पहुंचे और उसका डोर बेल बजाने लगे. लगातार डोर बेल बजाने पर संजीव राणा ने घर का दरवाजा खोला और इसका विरोध किया.
बेसबॉल बैट से की गई पिटाई
ऐसा बताया जाता है कि इसके बाद सोमदत्त संजीव राणा के पैर पर बेसबॉल के बैट से मारने लगे. इससे संजीव राणा गिर गया. उसके बाद सोमदत्त के साथ आए लोग संजीव राणा को रोड पर घसीटकर ले गए और उसे घूंसों से मारना शुरु कर दिया.
मारपीट से संजीव राणा बेहोश हो गया, उसके बाद संजीव राणा के भाई राजीव ने पुलिस को सौ नंबर पर फोन कर सूचना दी. पुलिस की पीसीआर वैन आई और संजीव राणा को हिंदू राव अस्पताल ले गई जहां उनका इलाज शुरू किया गया.
गुलाबी बाग थाने में दर्ज की गई थी FIR
घटना के अगले दिन सुबह गुलाबी बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 12 गवाहों का परीक्षण किया.
सुनवाई के दौरान सोमदत्त ने खुद को बेकसूर बताया और कहा कि उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है. विधायक ने ये भी कहा कि शिकायतकर्ता बीजेपी से ताल्लुक रखता है और वो चाहता है कि मेरा विधानसभा का टिकट कट जाए.
अपने बयान में संजीव राणा ने कहा कि वह प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है. उसने घटना का पूरा ब्यौर बताते हुए अभियुक्त सोमदत्त की कोर्ट में पहचान की. उसके बयान का उसके भाई राजीव राणा ने भी समर्थन किया.
राजीव राणा ने कहा कि घटना वाले दिन वो गुलाबी बाग स्थित शिव मंदिर पर था. करीब सवा आठ बजे उसके भतीजे तन्मय राणा ने फोन कर कहा कि उसके पिता की सोमदत्त और उसके सहयोगी पिटाई कर रहे हैं. जब वो घटनास्थल पर पहुंचा तो उसने देखा कि उसका भाई जमीन पर बेहोश पड़ा हुआ है. इसके बाद उसने पुलिस को सौ नंबर पर फोन किया.
15-20 मिनट के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. पुलिस दोनों भाइयों को अस्पताल लेकर आई. अस्पताल में इलाज चलने के करीब 3-4 दिनों के बाद संजीव राणा को अस्पताल से छुट्टी मिल गई.