नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी प्रेमोदय खाखा से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. उन्होंने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और चीफ विजिलेंस ऑफिसर नरेश कुमार को पत्र लिखकर 28 अगस्त तक जवाब देने की मांग की है. नाबालिग से कई महीनों तक बलात्कार के आरोपी, प्रमोदय खाखा के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए, डब्ल्यूसीडी मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को लिखा- ऐसे अधिकारी को महिला एवं बाल विकास विभाग में काम करने की अनुमति कैसे दी गई.
उन्होंने लिखा कि यह बेहद गंभीर मुद्दा है. समय पर कार्रवाई नहीं करने से गलत काम करने वालों को बढ़ावा मिलता है. एक प्रणाली जो यौन उत्पीड़न की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेती है, वह महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भागीदार बन जाती है. अपराधियों को लगने लगता है कि उनके व्यवहार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वे साहसी हो जाते हैं. यह उनके आसपास की महिलाओं और लड़कियों को अधिक जोखिम में डालता है.
मंत्री आतिशी ने आगे लिखा कि अगर इस अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की बार-बार शिकायतें आईं- तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इसके अलावा उन्होंने शिकायतों के निपटारे और अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए. साथ ही उन्होंने इसकी भी जानकारी मांगी है कि डब्ल्यूसीडी अधिकारी द्वारा बार-बार किए गए अपराधों के बारे में कौन से वरिष्ठ अधिकारी जानते थे. मुख्य सचिव को उक्त डब्ल्यूसीडी अधिकारी के खिलाफ कई यौन उत्पीड़न शिकायतों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. इस रिपोर्ट में पूछताछ और शिकायतों को संभालने वाले अधिकारियों और आरोपी अधिकारी के खिलाफ शिकायतों पर की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के संबंध में जवाब मांगा गया है.
इन सवालों के मांगे गए जवाब-
- डब्ल्यूसीडी विभाग के उक्त अधिकारी को उत्पीड़न की शिकायतें कब-कब प्राप्त हुईं?
- वह अधिकारी कौन था, जिसने इन शिकायतों को निपटाया?
- उन शिकायतों पर क्या जांच की गई?
- सबसे वरिष्ठ अधिकारी कौन था, जिसे इन शिकायतों की जानकारी थी?
- क्या इन शिकायतों के आधार पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई?
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