नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण इन दिनों सभी शैक्षणिक संस्थान बंद है और छात्र घर में बैठकर ही विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं ई-लर्निंग की बढ़ती जरूरत को देखते हुए, ई-लर्निंग को बढ़ावा देने और बेहतर शिक्षण सामग्री की उपलब्धता के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) के जरिए 'विद्यादान 2' लॉन्च किया गया है. वहीं सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने देशभर के सभी छात्रों और शिक्षकों से इस मुहिम में अपना योगदान देने की अपील की है.
बता दें कि कोरोना महामारी के समय में जब सभी छात्र घरों पर हैं, ऐसे में ई-लर्निंग का क्रेज छात्रों में बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि यह उनके लिए पढ़ाई का एकमात्र जरिया बन गया है. वहीं बड़ी संख्या में छात्र सीबीएसई की 'दीक्षा' ऐप के जरिए अपनी पढ़ाई जारी रख रहे हैं. ऐसे में छात्रों को बेहतर शिक्षण सामग्री मिल सके इसको लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर 'विद्यादान-2' प्रोग्राम लॉन्च किया गया है. इस दौरान सीबीएसई, एनसीईआरटी सहित देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी शिक्षकों और छात्रों से शिक्षण सामग्री द्वारा इस मुहिम में सहयोग देने के लिए कहा गया है.
सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना है
वहीं इसको लेकर सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि इस महामारी के समय में जब लॉकडाउन है और सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना है, ऐसे में परंपरागत शिक्षण पद्धति का एक ही विकल्प है और वो है ई-लर्निंग. उन्होंने कहा कि 'दीक्षा' ऐप पर बड़ी संख्या में छात्रों और शिक्षकों ने पंजीकरण कराकर इससे अपनी पढ़ाई को जारी रखा है, लेकिन जरूरी है कि उनकी पढ़ाई के लिए और बेहतर पाठ्य सामग्री मुहैया कराई जा सके. इसको लेकर उन्होंने देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से सीबीएससी और एनसीआरटी के सभी छात्रों और शिक्षकों से अपील की है कि वह अलग-अलग विषयों पर आधारित विस्तृत वीडियो, एनिमेशन, पढ़ाते हुए वीडियो, लेसन प्लान, एसेसमेंट, क्वेश्चन बैंक आदि के माध्यम से अपना योगदान दें.
देश के लाखों छात्र लाभान्वित होंगे
साथ ही कहा कि शिक्षकों के जरिए भेजी गई सभी सामग्री अकादमिक विशेषज्ञों के माध्यम से रिव्यू की जाएगी, जिसके बाद उसे 'दीक्षा' ऐप पर डाल दिया जाएगा, जो देशभर के छात्रों के लिए उपलब्ध हो सकेगा. वहीं सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षकों के जरिये तैयार की गई इस बेहतरीन शिक्षण सामग्री से ना सिर्फ देश के लाखों छात्र लाभान्वित होंगे बल्कि कई शिक्षकों के लिए भी यह शिक्षण सामग्री बहुत उपयोगी सिद्ध होगी.