ETV Bharat / state

मेट्रो के चौथे फेज का रुका काम, जानिए क्या है नया विवाद

मेट्रो के चौथे फेज में जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम के बीच मैजेंटा मेट्रो लाइन के निर्माण कार्य को शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत में ही वन विभाग की तरफ से आपत्ति जताई गई है. उनकी आपत्ति के चलते फिलहाल दिल्ली मेट्रो को इस सेक्शन पर निर्माण कार्य रोकना पड़ा है.

metro 4th phase work
मेट्रो के चौथे फेज का रुका काम
author img

By

Published : Aug 29, 2020, 2:08 PM IST

नई दिल्ली: मेट्रो के चौथे फेज की सबसे लंबी लाइन पर काम को रोक दिया गया है. इसकी वजह वन विभाग की ओर से जताई गई आपत्ति है. वन विभाग का आरोप है कि डीम्ड फारेस्ट क्षेत्र में ये निर्माण किया जा रहा है. उसके अलावा यहां से एक पेड़ को भी उखाड़ा गया है.

मेट्रो के चौथे फेज के काम में विवाद

वहीं डीएमआरसी का कहना है कि उन्होंने किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाया है. फिलहाल समाधान होने तक उन्होंने काम को भी रोक दिया है. जानकारी के मुताबिक मेट्रो के चौथे फेज में जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम के बीच मैजेंटा मेट्रो लाइन के निर्माण कार्य को शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत में ही वन विभाग की तरफ से आपत्ति जताई गई है. उनकी आपत्ति के चलते फिलहाल दिल्ली मेट्रो को इस सेक्शन पर निर्माण कार्य रोकना पड़ा है.

ये माना जा रहा है कि 4 साल की देरी से शुरू हुए मेट्रो फेज-4 के काम में और समय लग सकता है. इतना ही नहीं अधिकारियों का मानना है कि अगर प्रोजेक्ट में देरी होती है तो उसका असर ना केवल यहां के पर्यावरण पर पड़ेगा बल्कि इसकी लागत में भी बढ़ोतरी हो जाएगी.



डीएमआरसी-वन विभाग आमने-सामने


डीएमआरसी के अनुसार आरके आश्रम से जनकपुरी वेस्ट के बीच बन रही मेट्रो लाइन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पश्चिमी उत्तरी और मध्य दिल्ली के कई इलाकों को सीधा नोएडा से जोड़ेगी. लेकिन इस निर्माण कार्य के दौरान वन विभाग ने दिल्ली मेट्रो को कई पेड़ों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. उनका यह भी आरोप है कि नोटिस के बावजूद डीएमआरसी ने काम बंद नहीं किया है. उधर डीएमआरसी का कहना है कि अभी इस सेक्शन पर केवल बैरिकेडिंग की गई है. यहां निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. उनकी तरफ से किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है.



आखिर क्या है विवाद का कारण


सूत्रों का कहना है कि बीते 7 अगस्त को डीएमआरसी को वन विभाग की तरफ से एक नोटिस भेजकर बताया गया था कि 25 फरवरी के इंस्पेक्शन में पाया गया कि एक पेड़ को डीम्ड फोरेस्ट क्षेत्र से हटाया गया है.

इसके जवाब में डीएमआरसी ने उन्हें बताया है कि यहां पर जून महीने से काम शुरू किया गया है. फरवरी महीने में यहां पर डीएमआरसी ने कोई काम नहीं किया. सूत्रों की मानें तो पीरागढ़ी और केशो पुर के बीच का क्षेत्र डीम्ड फॉरेस्ट की कैटेगरी में आता है. ये बात हाल ही में डीएमआरसी को पता चली है. यहां पर 5.34 किलोमीटर के क्षेत्र में डीम्ड फॉरेस्ट है.


अभी तक अनुमति का है इंतजार


डीएमआरसी का कहना है कि जहां तक पेड़ों की कटाई का सवाल है, उन्होंने अप्रैल 2018 में ही कृष्णा पार्क और मुकरबा चौक के बीच मौजूद स्ट्रेच पर मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए पेड़ काटने की इजाजत मांगी थी. सितंबर 2019 में दोबारा आवेदन भेजा गया.

वन विभाग के अधिकारियों के साथ कई बार साइट विजिट भी की गई, लेकिन अभी तक डीएमआरसी को पेड़ काटने की परमिशन नहीं मिली. फिलहाल इस पूरे मामले में उन्हें पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. जिसके बाद ही आगे का काम शुरू हो पायेगा.

नई दिल्ली: मेट्रो के चौथे फेज की सबसे लंबी लाइन पर काम को रोक दिया गया है. इसकी वजह वन विभाग की ओर से जताई गई आपत्ति है. वन विभाग का आरोप है कि डीम्ड फारेस्ट क्षेत्र में ये निर्माण किया जा रहा है. उसके अलावा यहां से एक पेड़ को भी उखाड़ा गया है.

मेट्रो के चौथे फेज के काम में विवाद

वहीं डीएमआरसी का कहना है कि उन्होंने किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाया है. फिलहाल समाधान होने तक उन्होंने काम को भी रोक दिया है. जानकारी के मुताबिक मेट्रो के चौथे फेज में जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम के बीच मैजेंटा मेट्रो लाइन के निर्माण कार्य को शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत में ही वन विभाग की तरफ से आपत्ति जताई गई है. उनकी आपत्ति के चलते फिलहाल दिल्ली मेट्रो को इस सेक्शन पर निर्माण कार्य रोकना पड़ा है.

ये माना जा रहा है कि 4 साल की देरी से शुरू हुए मेट्रो फेज-4 के काम में और समय लग सकता है. इतना ही नहीं अधिकारियों का मानना है कि अगर प्रोजेक्ट में देरी होती है तो उसका असर ना केवल यहां के पर्यावरण पर पड़ेगा बल्कि इसकी लागत में भी बढ़ोतरी हो जाएगी.



डीएमआरसी-वन विभाग आमने-सामने


डीएमआरसी के अनुसार आरके आश्रम से जनकपुरी वेस्ट के बीच बन रही मेट्रो लाइन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पश्चिमी उत्तरी और मध्य दिल्ली के कई इलाकों को सीधा नोएडा से जोड़ेगी. लेकिन इस निर्माण कार्य के दौरान वन विभाग ने दिल्ली मेट्रो को कई पेड़ों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. उनका यह भी आरोप है कि नोटिस के बावजूद डीएमआरसी ने काम बंद नहीं किया है. उधर डीएमआरसी का कहना है कि अभी इस सेक्शन पर केवल बैरिकेडिंग की गई है. यहां निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. उनकी तरफ से किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है.



आखिर क्या है विवाद का कारण


सूत्रों का कहना है कि बीते 7 अगस्त को डीएमआरसी को वन विभाग की तरफ से एक नोटिस भेजकर बताया गया था कि 25 फरवरी के इंस्पेक्शन में पाया गया कि एक पेड़ को डीम्ड फोरेस्ट क्षेत्र से हटाया गया है.

इसके जवाब में डीएमआरसी ने उन्हें बताया है कि यहां पर जून महीने से काम शुरू किया गया है. फरवरी महीने में यहां पर डीएमआरसी ने कोई काम नहीं किया. सूत्रों की मानें तो पीरागढ़ी और केशो पुर के बीच का क्षेत्र डीम्ड फॉरेस्ट की कैटेगरी में आता है. ये बात हाल ही में डीएमआरसी को पता चली है. यहां पर 5.34 किलोमीटर के क्षेत्र में डीम्ड फॉरेस्ट है.


अभी तक अनुमति का है इंतजार


डीएमआरसी का कहना है कि जहां तक पेड़ों की कटाई का सवाल है, उन्होंने अप्रैल 2018 में ही कृष्णा पार्क और मुकरबा चौक के बीच मौजूद स्ट्रेच पर मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए पेड़ काटने की इजाजत मांगी थी. सितंबर 2019 में दोबारा आवेदन भेजा गया.

वन विभाग के अधिकारियों के साथ कई बार साइट विजिट भी की गई, लेकिन अभी तक डीएमआरसी को पेड़ काटने की परमिशन नहीं मिली. फिलहाल इस पूरे मामले में उन्हें पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. जिसके बाद ही आगे का काम शुरू हो पायेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.