नई दिल्ली: भारत शिक्षा और ज्ञान की पवित्र भूमि है. यह बातें मोदी सरकार में मंत्री और सांसद मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 27वें दिल्ली पुस्तक मेला के उद्घाटन के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि जेनेक्स्ट को सशक्त बनाने के लिए किताबें हमेशा प्रासंगिक रहेंगी. उन्होंने कहा कि प्रगति मैदान में आईटीपीओ द्वारा आयोजित दिल्ली पुस्तक मेले के 27वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए खुशी हो रही है. आज यहां पर मुद्रण के अस्तित्व में आने से बहुत पहले भारत में पुस्तक लेखन की समृद्ध संस्कृति कैसे थी, इस पर बात की.
लेखी ने कहा कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तीन साल होने के उपलक्ष्य में एक वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. किताबें अगली पीढ़ी के समग्र सशक्तिकरण के लिए अपरिहार्य हैं और डिजिटल युग में भी प्रासंगिक रहेंगी, खासकर जब नए युग के बच्चों को इसका सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्र निर्माण में हमारे पवित्र ग्रंथों और शोध का उत्कृष्ट योगदान है. मंत्री ने इस दौरान पुस्तक मेले का अवलोकन भी किया.
दिल्ली पुस्तक मेला के उद्घाटन पर एफआईपी के अध्यक्ष रमेश के. मित्तल ने मेले की थीम "राष्ट्र निर्माण में पुस्तकें" पर प्रसन्नता व्यक्त की. पवित्र वेद, पुराण जैसी पुस्तकें और धर्मग्रंथ भारत के प्राचीन ज्ञान के प्रचार-प्रसार का महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जिसने वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है. दिल्ली पुस्तक मेले का 27वां संस्करण एफआईपी के लिए विशेष महत्व रखता है. उन्होंने कहा कि अगले साल से मेला बड़े क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा.
दिल्ली के प्रगति मैदान में हॉल नंबर 11 में दिल्ली पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है. यह मेला 2 अगस्त तक चलेगा. पुस्तक प्रेमी सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक फ्री एंट्री पा सकते हैं. प्रवेश के लिए पुस्तक प्रेमी प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन 10 से एंट्री लें. यहां पुस्तक मेला तक ले जाने के लिए आईटीपीओ ने फ्री शटल सेवा भी दी है. जिसका इस्तेमाल कर पुस्तक प्रेमी सीधे 11 नंबर हॉल पर आ सकते हैं.
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