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30 जनवरी को हो सकता है दिल्ली मेयर का चुनाव, कमिश्नर ने दिल्ली सरकार को भेजी फाइल

परिसीमन के बाद नए स्वरूप में सामने आई दिल्ली एमसीडी में 6 जनवरी को नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण के साथ मेयर और डिप्टी मेयर का अहम चुनाव होना था. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पार्षदों के बीच हाथापाई के चलते सदन को स्थगित करना पड़ा था. अब सदन 30 जनवरी को बुलाए जाने की संभावना है.

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30 जनवरी को सकता है एमसीडी का अगला सदन
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Published : Jan 11, 2023, 3:25 PM IST

नई दिल्ली : हंगामे के चलते स्थगित हुए एमसीडी के सदन को अब 30 जनवरी को बुलाए जाने की संभावना है. इसका प्रस्ताव एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारतीय ने दिल्ली सरकार को भेज दिया है. इसके बाद इस फाइल को दिल्ली सरकार उपराज्यपाल को भेजेगी. हालांकि, एमसीडी के सदन को बुलाने को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का फैसला अंतिम होगा.

दिल्ली के उपराज्यपाल के ऊपर यह पूरे तरीके से निर्भर करेगा कि वह 30 जनवरी को एमसीडी के सदन को बुलाकर निर्वाचित पार्षदों की शपथ ग्रहण समारोह में मेयर के चुनाव करवाने का आदेश देते हैं या फिर एमसीडी के सदन की तारीख को कुछ और दिनों के लिए आगे बढ़ाया जाता है. यह एलजी के निर्णय पर निर्भर है.

प्रस्ताव पर अगर मुहर लग जाता है तो एक और राजनीतिक विवाद के शुरू होने की संभावना है. विवाद इस बात को लेकर हो सकता है कि आखिरकार हंगामे की भेंट चढ़ी पहली बैठक के 15 दिनों बाद दूसरी बैठक करवाने का क्या उद्देश्य हो सकता है. सदन में हंगामे को लेकर आम आदमी पार्टी पहले ही भाजपा के खिलाफ आक्रामक है. क्योंकि AAP यह आरोप लगा रही है कि भाजपा के इशारे पर ही उपराज्यपाल सबकुछ करवा रहे हैं, ताकि मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चुनावों में फायदा भाजपा को मिल पाए.

ये भी पढ़ें : LG से मीटिंग के लिए CM तैयार, लेकिन LG ऑफिस से नहीं मिला समय

गौरतलब है कि एमसीडी के सदन में हुए हंगामे को लेकर एलजी की तरफ से पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने हंगामे के दौरान हुए नुकसान को लेकर एमसीडी के कमिश्नर ज्ञानेश भारती से रिपोर्ट मांगी है. दोनों रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल क्या निर्णय लेते हैं, यह अभी तक पता नहीं चला है. बता दें, एमसीडी ने चुनाव को लेकर अपनी रिपोर्ट दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दी है

ये भी पढ़ें : दिल्ली: IGI एयरपोर्ट के टर्मिनल पर यात्री ने किया पेशाब, नशे में था आरोपी

नई दिल्ली : हंगामे के चलते स्थगित हुए एमसीडी के सदन को अब 30 जनवरी को बुलाए जाने की संभावना है. इसका प्रस्ताव एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारतीय ने दिल्ली सरकार को भेज दिया है. इसके बाद इस फाइल को दिल्ली सरकार उपराज्यपाल को भेजेगी. हालांकि, एमसीडी के सदन को बुलाने को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का फैसला अंतिम होगा.

दिल्ली के उपराज्यपाल के ऊपर यह पूरे तरीके से निर्भर करेगा कि वह 30 जनवरी को एमसीडी के सदन को बुलाकर निर्वाचित पार्षदों की शपथ ग्रहण समारोह में मेयर के चुनाव करवाने का आदेश देते हैं या फिर एमसीडी के सदन की तारीख को कुछ और दिनों के लिए आगे बढ़ाया जाता है. यह एलजी के निर्णय पर निर्भर है.

प्रस्ताव पर अगर मुहर लग जाता है तो एक और राजनीतिक विवाद के शुरू होने की संभावना है. विवाद इस बात को लेकर हो सकता है कि आखिरकार हंगामे की भेंट चढ़ी पहली बैठक के 15 दिनों बाद दूसरी बैठक करवाने का क्या उद्देश्य हो सकता है. सदन में हंगामे को लेकर आम आदमी पार्टी पहले ही भाजपा के खिलाफ आक्रामक है. क्योंकि AAP यह आरोप लगा रही है कि भाजपा के इशारे पर ही उपराज्यपाल सबकुछ करवा रहे हैं, ताकि मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चुनावों में फायदा भाजपा को मिल पाए.

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गौरतलब है कि एमसीडी के सदन में हुए हंगामे को लेकर एलजी की तरफ से पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने हंगामे के दौरान हुए नुकसान को लेकर एमसीडी के कमिश्नर ज्ञानेश भारती से रिपोर्ट मांगी है. दोनों रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल क्या निर्णय लेते हैं, यह अभी तक पता नहीं चला है. बता दें, एमसीडी ने चुनाव को लेकर अपनी रिपोर्ट दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दी है

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