नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट में दावा किया कि कुत्तों को सिर्फ जी-20 इवेंट की वजह से पकड़ा गया था और अब उन्हें उसी इलाके में छोड़ा जा रहा है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था. निगम ने यह जवाब उस जनहित याचिका के संबंध में दिया, जिसमें कुत्तों को अवैध रुप से पकड़े जाने का दावा किया गया है.
बता दें कि एक कुत्ता प्रेमी महिला ने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर निगम और अन्य सरकारी एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था. महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एमसीडी से जवाब मांगा था. याचिकाकर्ता अनीता ने आरोप लगाया कि एमसीडी ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए और कुत्तों को जबरन पकड़कर हटाया. उन्होंने यह भी दावा किया कि एमसीडी ने निजी अनधिकृत व्यक्तियों की सहायता से कुत्तों को पकड़ने के लिए सरकारी मशीनरी का भी इस्तेमाल किया.
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अदालत को सूचित करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि वह कई दशकों से कुत्तों को खाना खिला रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एमसीडी ने कुछ स्थानों पर भयानक स्थिति में बिना किसी भोजन, पानी या दवाइयों के उनको छोटी जगह पर रखा है जो उनके लिए पर्याप्त नहीं है. खुले घावों और बीमारियों से उनकी परेशानी बढ़ रही है. याचिका में आगे तर्क दिया गया कि जब्त किए गए आवारा जानवरों का कोई वर्गीकरण नहीं किया गया है.
सही कुत्ते और बीमारी से पीड़ित कुत्ते उन सभी को एक ही जगह बंद कर दिया गया है. जी 20 इवेंट के बाद उन्हें उनके संबंधित स्थानों पर वापस नियमों का उल्लंघन करते हुए यहां-वहां फेंक दिया जाएगा. इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया है. इसलिए संबंधित अधिकारियों में जवाबदेही की कोई भावना नहीं है. याचिकाकर्ता ने अदालत से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और पकड़े गए कुत्तों की तत्काल रिहाई की मांग की थी.
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