नई दिल्ली: दिल्ली में कचरे की समस्या को खत्म करने की दिशा में प्रयास तेज किया गया है. एमसीडी का पायलट प्रोजेक्ट अब पूरी दिल्ली में लागू होगा. आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पहले पश्चिम जोन में लागू किया गया था. प्रोजेक्ट लागू होने से पहले यहां से 48 मीट्रिक टन कूड़ा प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचता था, लेकिन अब मात्र 60 दिनों में 132 मीट्रिक टन कूड़ा पहुंचने लगा है. वहीं, अब पूरी राजधानी में 158 डंपिंग पॉइंट्स की पहचान की गई है, जहां पर सीएनडी वेस्ट फेंका जाएगा.
दुर्गेश पाठक ने कहा कि राजधानी में दो प्रकार का कूड़ा देखने को मिलता है. पहला, फूल वेस्ट यानी कि गीला कूड़ा जो रीसायकल नहीं होता है. दूसरा, सीएनडी वेस्ट है, जो निमार्ण के दौरान बची हुई सामग्री जैसे कि सीमेंट, बालू, पत्थर आदि से मिलकर बनता है. इसकी एक प्रोसेसिंग यूनिट है, लेकिन यह कूड़ा उस प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचता ही नहीं है. दरअसल, घर बनवाने वाले ज्यादातर लोग बची हुई सामग्री को एक बोरी में भरकर सड़क के किनारे रख देते हैं, धीरे-धीरे वहां बोरियां जमा होने लगती है. फिर लोग उसपर कूड़ा भी फेंकना शुरू कर देते हैं, जिससें जगह-जगह कूड़ा जमा हो जाता है.
C&D वेस्ट को ख़त्म करने की तैयारी: निगम प्रभारी ने कहा कि कई कोशिशों के बावजूद जब इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला तो पिछले दो-तीन महीने से एक पायलट प्रोजेक्ट लागू किया हुआ है. यह प्रोजेक्ट पहले पश्चिम जोन में शुरू किया गया, जिसका परिणाम शानदार रहा है. जो भी व्यक्ति या बिल्डर घर बना रहा है, पीडब्ल्यूडी या एमसीडी की कोई सड़क बन रही है, घर मरम्मत का काम हो रहा है तो इंजीनियर्स के माध्यम से एक लिस्ट तैयार की गई. उसके बाद सभी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें बताया गया कि सीएनडी वेस्ट को सड़कों के किनारे ना फेंके. वेस्ट फेंकने के लिए जगह दिया जा रहा है.
सीएनडी वेस्ट को डंपिंग पॉइंट्स पर फेंकना: इस पायलट प्रॉजेक्ट के तहत लोग सीएनडी वेस्ट को डंपिंग पॉइंट्स पर फेंकते हैं, जिसे एमसीडी उठाकर प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचाता है. इस प्रकार, जहां पश्चिम जोन के तीनों वॉर्डों से पहले 48 मीट्रिक टन कूड़ा प्रॉसेसिंग यूनिट तक पहुंचता था, अब 132 मीट्रिक टन पहुंचने लगा है. पहले 100 मीट्रिक टन कूड़ा दिल्ली में इधर-उधर फैला रहता था. ये डंपिंग पॉइंट्स एमसीडी की तैयार की गई है. बता दें कि जब डंपिंग पॉइंट्स पर सीएनडी वेस्ट फेंका जाता है तो समय-समय पर एमसीडी उस कूड़े पर पानी का छिड़काव करवाती है, ताकि वह एक जगह जमा रहे.
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