नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव के लिए आज निगम की चौथी बार बैठक होगी. मेयर चुनाव के लिए अब तक तीन बार बैठक बुलाई जा चुकी है, लेकिन हर बार हंगामे की वजह से मेयर का चुनाव नहीं हो सका. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद और दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद बुधवार सुबह 11 बजे दिल्ली नगर निगम की बैठक बुलाई गई है. इसमें मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव होना है.
जानें कब, क्या हुआ: दरअसल, दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के बाद नगर निगम का चुनाव 4 दिसंबर को हुआ था और 7 दिसंबर को इसके नतीजे आए थे. निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी बहुमत हासिल करते हुए 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं 15 साल से सत्ता में बैठी भाजपा के खाते में 104 सीटें आई थी. इसके अलावा कांग्रेस को 9 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था, जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उमीदवारों ने जीत दर्ज की थी.
इसके बाद एमसीडी की पहली बैठक 6 जनवरी को बुलाई गई थी, जिसमें मनोनीत और निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ ही मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के 6 सदस्यों का चुनाव होना था. इस दौरान जब बैठक शुरू हुई तो उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने शपथ ग्रहण के लिए सबसे पहले मनोनीत निगम पार्षदों को बुलाया था, जिसको लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षद भड़क उठे और बैठक में हंगामा शुरू हो गया. दोनों पक्षों के बीच जमकर नारेबाजी हुई और एक दूसरे पर हाथापाई तक का आरोप लगाया. इसके बाद पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने निगम की कार्यवाही स्थगित कर दी थी.
वहीं 24 जनवरी को निगम की बैठक एक बार फिर बुलाई गई. इसमें पीठासीन अधिकारी ने फिर से सबसे पहले मनोनीत निगम पार्षदों को शपथ के लिए बुलाया, तो आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसका विरोध किया. इन सब के साथ, शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गई और सभी मनोनीत और निर्वाचित पार्षदों ने शपथ ग्रहण किया, लेकिन हंगामे की वजह से इस बैठक को भी पीठासीन अधिकारी को मेयर का चुनाव होने से पहले ही स्थगित करना पड़ा.
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बाद में 6 फरवरी को मेयर के चुनाव के लिए भी बैठक बुलाई गई, जिसमें पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में वोटिंग करने का अधिकार दे दिया. इसका आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने विरोध किया और बैठक एक बार फिर स्थगित कर दी गई. इस पर मेयर चुनाव जल्द कराए जाने और मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में मतदान करने का अधिकार न दिए जाने को लेकर आप की मेयर उम्मीदवार शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि मेयर के चुनाव में मनोनीत पार्षद वोट नहीं कर सकते. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर मेयर चुनाव की डेट जारी करने का भी निर्देश दिया. अब देखना होगा कि क्या आज दिल्ली को मेयर मिल पाता है या फिर ये बैठक भी पिछली बैठकों की तरह हंगामे की भेंट चढ़ जाती है.
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