नई दिल्ली: आप विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया है कि भाजपा शासित एमसीडी ने हेल्थ सेंटर और नर्सिंग स्कूल बनाने में करोड़ो का घोटाला किया है. एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट(audit report of mcd) में खुलासा हुआ कि स्कूल बनाने में 10 करोड़ खर्च हुए लेकिन उसे कभी उपयोग में नहीं लाया गया. एमसीडी ने दिल्ली वालों के टैक्स का 10 करोड़ रुपया बर्बाद कर दिया. स्कूल में छात्रों की जगह जानवर दिखाई देते हैं. आप विधायक के आरोपों को दिल्ली नगर निगम(Delhi Municipal Corporation) ने नकार दिया है.
दिल्ली नगर निगम की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एमसीडी नरेला स्थित नर्सिंग कॉलेज के भवन निर्माण के संदर्भ में लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करता है . निगम ने इस भवन का निर्माण वर्ष 2010 में किया था. किंतु वहां पहुंचने के साधन न होने के कारण यह योजना क्रियान्वित नहीं हो सकी. किंतु भवन ठीक हालत में है तथा निगम की तरफ से अच्छी तरह से इसका रखरखाव किया गया है. निगम इस भवन का इस्तेमाल अपने लिए करेगा तथा नरेला क्षेत्र के उपायुक्त कार्यालय से कुछ विभाग यहां स्थानांतरित किए जाएंगे. इसके साथ ही निगम इस भवन के इस्तेमाल के लाभप्रद विकल्प तलाशेगा.
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आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली वालों के टैक्स के पैसों की बर्बादी की है. यह मामला नरेला का है जहां एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर और एक नर्सिंग स्कूल बनाने में लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च किए गए. स्कूल बनकर तैयार तो हुआ लेकिन आज तक उस स्कूल को खोला नहीं गया. लगभग 10 करोड़ की संपत्ति बनाकर ऐसे ही छोड़ दी गई. आज अगर आप वहां जाते हैं तो आपको खंडहर के सिवा कुछ नहीं मिलेगा. दीवारें गिर चुकी हैं, छात्रों की जगह जानवर दिखाई देते हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसा मैं नहीं बल्कि एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट कह रही है. यह पूरा प्रॉजेक्ट फर्जी था, इसकी कोई जरूरत नहीं थी. इसकी जांच होनी चाहिए. इस प्रॉजेक्ट की अनुमति किसने दी? यह प्रॉजेक्ट बना और जिस लक्ष्य के साथ इस प्रॉजेक्ट को तैयार किया गया था उसमें उपयोग में क्यों नहीं लाया गया? 10 करोड़ कोई छोटी रकम नहीं होती और ना ही यह रकम भाजपा के नेताओं का पैसा है. सारा पैसा दिल्ली वालों के टैक्स का है. दिल्ली वालों ने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा एमसीडी वालों को दिया था, इसलिए एमसीडी को जवाब देना पड़ेगा. इस 10 करोड़ का एक बहुत बड़ा हिस्सा भाजपा के नेताओं ने खाया है. आम आदमी पार्टी सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करती है.
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