नई दिल्ली: दिल्ली में बुधवार को हुए महापौर चुनाव में फिर से एक बार आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है. शैली ओबरॉय को दूसरी बार दिल्ली का मेयर चुना गया है, जबकि आले मोहम्मद को उपमहापौर चुना गया है. हालांकि, वोटिंग के पहले ही बीजेपी महापौर प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया था. दूसरी बार महापौर चुनने के बाद डॉ शैली ओबरॉय ने ईटीवी भारत के संवाददाता निखिल कुमार से एक्सक्लूसिव बातचीत की है.
बीजेपी के पास नहीं थी बहुमत की संख्या: मेयर शैली ओबरॉय ने बताया कि बीजेपी ने नाम वापस ले लिए, क्योंकि उनके पास बहुमत की संख्या नहीं थी. हालांकि उन्होंने पूरी कोशिश की थी कि इस बार महापौर उनका बने. आज बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि हम लोग लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं. पहली बार जब चुनाव हुआ था, तो इन लोगों ने पूरी कोशिश की थी, लेकिन इस बार उन्हें पता था कि वह अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो पाएंगे. इसी वजह से चुनाव के ऐन वक्त बीजेपी ने नाम वापस ले लिया.
एमसीडी के 10 वादे पूरा करना मेयर की प्राथमिकता: डॉक्टर शैली ओबरॉय ने कहा है कि इस बार उनके ऊपर कई प्राथमिकताएं हैं. जिसमें सबसे पहले वह साफ-सफाई को लेकर कार्य करेंगी और जो उन्होंने 10 वादे किए थे उन पर फोकस रहेगा. पहले उनका कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं, लेकिन अब उनके पास काफी समय है और जो वादे आम आदमी पार्टी ने किए थे उनको पूरा किया जाएगा. बीजेपी द्वारा लगाए गए एमसीडी की सड़कों को दिल्ली सरकार को सौंपने के आरोप पर उन्होंने कहा है कि एमसीडी के पास फंड की कमी है, इसलिए हम चाहते हैं कि दिल्ली का विकास ना रुके. दिल्ली वासियों के हित के लिए दिल्ली सरकार काम कर रही है और जो आरोप बीजेपी के लोग लगा रहे हैं वह सभी बेबुनियाद हैं.
भाजपा नहीं होने दे रही स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव: स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों पर शैली ओबरॉय ने कहा है कि हम भी चाहते हैं कि महापौर के साथ स्टैंडिंग कमेटी का भी चुनाव होता, लेकिन वह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. हमारे पास बहुमत है और हम भी शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव चाहते हैं, लेकिन भाजपा के लोग चुनाव नहीं होने देना चाहते हैं. बीजेपी के लोगों ने हमारे पार्षदों को अपनी तरफ करने की कोशिश की थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने हमें पूर्ण बहुमत दिया था और भाजपा के लोगों के पास आज पूर्ण बहुमत नहीं था. संख्या कम थी इस वजह से उन्होंने एन वक्त पर पीछे हटने का फैसला लिया. पहले बीजेपी के लोग कहते थे कि कुछ भी हो जाए महापौर हमारा ही बनेगा.
ये भी पढ़ें: Delhi Mayor Election: मेयर चुनाव में BJP ने वापस लिया नाम, हार तय थी या कुछ और?, जानिए