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हाउस चलाने में फ़ेल हुए मेयर राजा इक़बाल सिंह, हंगामे की भेट चढ़े जनता के मुद्दे

नॉर्थ एमसीडी में सत्ता में शासित भाजपा की सरकार के शासन काल का अंतिम वित्तीय वर्ष चल रहा है. जिसमें 27 अगस्त को दूसरा महत्वपूर्ण हाउस बुलाया गया था लेकिन पहले हाउस की तरह ही दूसरा हाउस भी विपक्ष के शोर-शराबे और हंगामे के बीच स्थगित हो गया. जिसके बाद नॉर्थ एमसीडी के नए नवेले मेयर राजा इकबाल सिंह पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

Mayor Raja Iqbal Singh failed to run the house of north mcd delhi
हाउस चलाने में फ़ेल हुए मेयर राजा इक़बाल सिंह,
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Published : Aug 29, 2021, 1:12 PM IST

नई दिल्ली: नॉर्थ एमसीडी में सत्ता में शासित भाजपा की सरकार के शासन काल का अंतिम वित्तीय वर्ष चल रहा है. जिसमें 27 अगस्त को दूसरा महत्वपूर्ण हाउस बुलाया गया था लेकिन पहले हाउस की तरह ही दूसरे हाउस में भी विपक्ष के द्वारा ना सिर्फ जमकर हंगामा और शोर-शराबा देखने को मिला बल्कि पहले हाउस की तरह ही दूसरे हाउस को भी बिना किसी चर्चा और जनता की समस्याओं का हल निकाले बिना स्थगित कर दिया गया. जिसके बाद नॉर्थ एमसीडी के नए नवेले मेयर राजा इकबाल सिंह पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

हाउस चलाने में फ़ेल हुए मेयर राजा इक़बाल सिंह
दरअसल, नॉर्थ एमसीडी के नए मेयर राजा इकबाल सिंह हाउस चलाने की अपनी जिम्मेदारी ना तो भली-भांति तरीके से निभाते हुए नजर आए और ना ही विपक्ष के पार्षदों को शांत करवाने के साथ हाउस की कार्रवाई चला पाए. हालातों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हंगामे के बीच विपक्षी पार्षदों ने मेयर की एक नहीं सुनी और एजेंडे को कई टुकड़ों मे फाड़ कर उसे मेयर और अधिकारियों के ऊपर फेंक दिया. ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ.

वहीं मेयर विपक्षी पार्षदों के सभी सवालों से भी बचते नजर आए और उन्होंने सदन से वाक आउट भी कर दिया. बाद में जब सदन की दोबारा कार्रवाई भी शुरू हुई तो विपक्ष के पार्षदों का मेयर के पास कोई जवाब नहीं था और उन्होंने हंगामे के बीच ही एजेंडा पास करके सदन स्थगित कर दिया. जब इन सब बातों को लेकर ईटीवी भारत ने मेयर राजा इकबाल सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कैमरे पर किसी भी सवाल का जवाब देने से मना कर दिया और बिना बातचीत किये ही चले गए.

वहीं विपक्ष के नेताओं ने बातचीत के दौरान सीधे तौर पर नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह पर पक्षपात करने के गंभीर आरोप लगाने का साथ उन्हें हाउस में होने वाले हंगामे के लिए भी जिम्मेदार ठहराते हुए कहा मेयर ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाया और ना ही वह हाउस को चलाना चलाना चाहते थे. ताकि वह शोर-शराबे और हंगामे के बीच अपने मनमाने ढंग से प्रस्तावों को पास कर निगम की जमीनों को मनमाने ढंग से बेच कर अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचा कर अपनी जेबे भर सकें.

वहीं हाउस में दिल्ली बीजेपी से निष्कासित की गई महिला पार्षद ज्योति ने नॉवल्टी सिनेमा की ऐतिहासिक जमीन को लीज पर दिए जाने के मामले पर ना सिर्फ हाथ में बैनर पकड़कर विरोध करती नजर आईं बल्कि दिल्ली भाजपा के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए.

नई दिल्ली: नॉर्थ एमसीडी में सत्ता में शासित भाजपा की सरकार के शासन काल का अंतिम वित्तीय वर्ष चल रहा है. जिसमें 27 अगस्त को दूसरा महत्वपूर्ण हाउस बुलाया गया था लेकिन पहले हाउस की तरह ही दूसरे हाउस में भी विपक्ष के द्वारा ना सिर्फ जमकर हंगामा और शोर-शराबा देखने को मिला बल्कि पहले हाउस की तरह ही दूसरे हाउस को भी बिना किसी चर्चा और जनता की समस्याओं का हल निकाले बिना स्थगित कर दिया गया. जिसके बाद नॉर्थ एमसीडी के नए नवेले मेयर राजा इकबाल सिंह पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

हाउस चलाने में फ़ेल हुए मेयर राजा इक़बाल सिंह
दरअसल, नॉर्थ एमसीडी के नए मेयर राजा इकबाल सिंह हाउस चलाने की अपनी जिम्मेदारी ना तो भली-भांति तरीके से निभाते हुए नजर आए और ना ही विपक्ष के पार्षदों को शांत करवाने के साथ हाउस की कार्रवाई चला पाए. हालातों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हंगामे के बीच विपक्षी पार्षदों ने मेयर की एक नहीं सुनी और एजेंडे को कई टुकड़ों मे फाड़ कर उसे मेयर और अधिकारियों के ऊपर फेंक दिया. ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ.

वहीं मेयर विपक्षी पार्षदों के सभी सवालों से भी बचते नजर आए और उन्होंने सदन से वाक आउट भी कर दिया. बाद में जब सदन की दोबारा कार्रवाई भी शुरू हुई तो विपक्ष के पार्षदों का मेयर के पास कोई जवाब नहीं था और उन्होंने हंगामे के बीच ही एजेंडा पास करके सदन स्थगित कर दिया. जब इन सब बातों को लेकर ईटीवी भारत ने मेयर राजा इकबाल सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कैमरे पर किसी भी सवाल का जवाब देने से मना कर दिया और बिना बातचीत किये ही चले गए.

वहीं विपक्ष के नेताओं ने बातचीत के दौरान सीधे तौर पर नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह पर पक्षपात करने के गंभीर आरोप लगाने का साथ उन्हें हाउस में होने वाले हंगामे के लिए भी जिम्मेदार ठहराते हुए कहा मेयर ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाया और ना ही वह हाउस को चलाना चलाना चाहते थे. ताकि वह शोर-शराबे और हंगामे के बीच अपने मनमाने ढंग से प्रस्तावों को पास कर निगम की जमीनों को मनमाने ढंग से बेच कर अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचा कर अपनी जेबे भर सकें.

वहीं हाउस में दिल्ली बीजेपी से निष्कासित की गई महिला पार्षद ज्योति ने नॉवल्टी सिनेमा की ऐतिहासिक जमीन को लीज पर दिए जाने के मामले पर ना सिर्फ हाथ में बैनर पकड़कर विरोध करती नजर आईं बल्कि दिल्ली भाजपा के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए.

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