नई दिल्ली: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना डॉक्टर मिर्जा यासूब अब्बास रिजवी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में सीएए और एनआरसी की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि यह कानून मुसलमानों के लिए ऐसा है जैसे शहद की पुड़िया में रखा हुआ जहर.
डॉक्टर यासूब अब्बास ने अफसोस के साथ कहा कि हिंदुस्तानी मुसलमानों से कागजात मांगे जा रहे हैं. हम सरकार से कहते हैं कि पहले वह अपने कागज दिखाएं. क्योंकि मुसलमानों के तो कागजात हिंदुस्तान की जमीन पर बिखरे हुए हैं, यह मकबरे, मजारात, दरगाहें, करबालाएं और इमामबाड़े यह इस बात का सबूत है कि हम यहीं के हैं. 26 जनवरी और 15 अगस्त को जिस जगह से झंडा लहराए जाता है वह किसकी जगह है. हमारी मांग है कि पहले सरकार के लोग अपना इतिहास दिखाएं,
सरकार ही देश के लोगों को गुमराह कर रही है
डॉक्टर यासूब रिजवी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार के लोग ही गुमराह कर रहे हैं और वह देश के नागरिकों को गुमराह करके नफरत कायम करने मे लगे हैं. क्योंकि संसद में वह कुछ कहते हैं और बाहर कुछ और. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने सभी हिंदुस्तानियों को विश्वास में लेकर चलने की बात की थी, मगर अफसोस आज देश की माएं, बहने और बुजुर्ग सड़कों पर उतरकर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे मालूम होता है कि मोदी जी विश्वास हासिल करने में नाकामयाब हुए हैं.
सरकारी संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि केवल शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें और ऐसा प्रदर्शन करें, जिसका सविधान हमें अधिकार देता है. सरकारी संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं.