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सीलिंग पर सियासत '2.0': मनोज तिवारी बोले- भंग कर देनी चाहिए मॉनिटरिंग कमेटी

दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने सीलिंग को लेकर मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को एक पत्र लिखा. वहीं दूसरी तरफ मनोज तिवारी ने मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग की है.

बीजेपी ने की मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग
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Published : Jul 1, 2019, 9:44 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सीलिंग पर सियासत एक बार फिर से शुरू हो चुकी है. बीते सप्ताह खबर आई थी कि अमर कॉलोनी में फिर से लोगों को सीलिंग के बाबत नोटिस दिए गए हैं. इसके बाद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को एक पत्र लिखा. अब बीजेपी ने मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग की है.

बीते 25 जुलाई को मंत्री सत्येंद्र जैन ने मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को इस बाबत पत्र लिखा था कि दिल्ली में सीलिंग नहीं कराई जाए.

बीजेपी ने की मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग

उन्होंने इसके लिए नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली लॉज सेकेंड एक्ट 2011 का हवाला दिया था, जिसे अब 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अनुसार 2020 तक किसी भी ऐसे भवन को सील नहीं किया जा सकता, जो 2007 से पहले बने हैं.

कांग्रेस ने भी सीलिंग के मुद्दे को उछाला
सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा था कि भूरेलाल इसे लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दें कि वह सीलिंग ना करें. इसके बाद कांग्रेस भी सीलिंग के मुद्दे पर सामने आई और उसने इसे लेकर बीजेपी-'आप' दोनों को आरोपों के कठघरे में खड़ा कर दिया.

सीलिंग पर चर्चा अभी चल ही रही थी कि बीजेपी ने इसे लेकर एक नई मांग कर दी है. दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर देना चाहिए.

satyendra jain wrote letter for Monitoring Committee of sealing
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने लिखा खत

SC ने किया है मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
मनोज तिवारी ने कहा कि हमारी पार्टी जनता के लिए काम कर रही है और हमारा मानना है कि मॉनिटरिंग कमिटी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है. इसलिए उसे भंग कर देना चाहिए. गौरतलब है कि सीलिंग संबंधी मुद्दों की देखरेख के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया था.

अब देखना यह होगा कि बीजेपी की इस नई मांग पर दिल्ली के दो अन्य प्रमुख दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का क्या रुख होता है, वहीं सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर क्या निर्देश देता है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सीलिंग पर सियासत एक बार फिर से शुरू हो चुकी है. बीते सप्ताह खबर आई थी कि अमर कॉलोनी में फिर से लोगों को सीलिंग के बाबत नोटिस दिए गए हैं. इसके बाद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को एक पत्र लिखा. अब बीजेपी ने मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग की है.

बीते 25 जुलाई को मंत्री सत्येंद्र जैन ने मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को इस बाबत पत्र लिखा था कि दिल्ली में सीलिंग नहीं कराई जाए.

बीजेपी ने की मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग

उन्होंने इसके लिए नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली लॉज सेकेंड एक्ट 2011 का हवाला दिया था, जिसे अब 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अनुसार 2020 तक किसी भी ऐसे भवन को सील नहीं किया जा सकता, जो 2007 से पहले बने हैं.

कांग्रेस ने भी सीलिंग के मुद्दे को उछाला
सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा था कि भूरेलाल इसे लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दें कि वह सीलिंग ना करें. इसके बाद कांग्रेस भी सीलिंग के मुद्दे पर सामने आई और उसने इसे लेकर बीजेपी-'आप' दोनों को आरोपों के कठघरे में खड़ा कर दिया.

सीलिंग पर चर्चा अभी चल ही रही थी कि बीजेपी ने इसे लेकर एक नई मांग कर दी है. दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर देना चाहिए.

satyendra jain wrote letter for Monitoring Committee of sealing
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने लिखा खत

SC ने किया है मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
मनोज तिवारी ने कहा कि हमारी पार्टी जनता के लिए काम कर रही है और हमारा मानना है कि मॉनिटरिंग कमिटी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है. इसलिए उसे भंग कर देना चाहिए. गौरतलब है कि सीलिंग संबंधी मुद्दों की देखरेख के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया था.

अब देखना यह होगा कि बीजेपी की इस नई मांग पर दिल्ली के दो अन्य प्रमुख दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का क्या रुख होता है, वहीं सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर क्या निर्देश देता है.

Intro:दिल्ली में सीलिंग पर सियासत एक बार फिर से शुरू हो चुकी है. बीते सप्ताह खबर आई थी कि अमर कॉलोनी में फिर से लोगों को सीलिंग के बाबत नोटिस दिए गए हैं. इसके बाद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को एक पत्र लिखा. लेकिन अब भाजपा ने मॉनिटरिंग कमेटी को ही भंग करने की मांग कर दी है.


Body:नई दिल्ली: बीते 25 जुलाई को मंत्री सत्येंद्र जैन ने मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को इस बाबत पत्र लिखा था कि दिल्ली में सीलिंग नहीं कराई जाए. उन्होंने इसके लिए नेशनल कैपिटल टेरिटरी आफ दिल्ली लॉज सेकंड एक्ट 2011 का हवाला दिया था, जिसे अब 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अनुसार 2020 तक किसी भी ऐसे भवन को सील नहीं किया जा सकता, जो 2007 से पहले बने हैं.

सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा था कि भूरेलाल इसे लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दें कि वह सीलिंग ना करे. इसके बाद कांग्रेस भी सीलिंग के मुद्दे पर सामने आई और उसने इसे लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों को आरोपों के कठघरे में खड़ा कर दिया. सीलिंग पर चर्चा अभी चल ही रही थी कि भाजपा ने इसे लेकर एक नई मांग कर दी है. दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर देना चाहिए.

मनोज तिवारी ने कहा कि हमारी पार्टी जनता के लिए काम कर रही है और हमारा मानना है कि मॉनिटरिंग कमिटी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है, इसलिए उसे भंग कर देना चाहिए. गौरतलब है कि सीलिंग संबंधी मुद्दों की देखरेख के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया था.




Conclusion:अब देखना यह होगा कि भाजपा की इस नई मांग पर दिल्ली के दो अन्य प्रमुख दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का क्या रुख होता है, वहीं सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर क्या निर्देश देता है.
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