नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सीलिंग पर सियासत एक बार फिर से शुरू हो चुकी है. बीते सप्ताह खबर आई थी कि अमर कॉलोनी में फिर से लोगों को सीलिंग के बाबत नोटिस दिए गए हैं. इसके बाद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को एक पत्र लिखा. अब बीजेपी ने मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग की है.
बीते 25 जुलाई को मंत्री सत्येंद्र जैन ने मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाल को इस बाबत पत्र लिखा था कि दिल्ली में सीलिंग नहीं कराई जाए.
उन्होंने इसके लिए नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली लॉज सेकेंड एक्ट 2011 का हवाला दिया था, जिसे अब 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अनुसार 2020 तक किसी भी ऐसे भवन को सील नहीं किया जा सकता, जो 2007 से पहले बने हैं.
कांग्रेस ने भी सीलिंग के मुद्दे को उछाला
सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा था कि भूरेलाल इसे लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दें कि वह सीलिंग ना करें. इसके बाद कांग्रेस भी सीलिंग के मुद्दे पर सामने आई और उसने इसे लेकर बीजेपी-'आप' दोनों को आरोपों के कठघरे में खड़ा कर दिया.
सीलिंग पर चर्चा अभी चल ही रही थी कि बीजेपी ने इसे लेकर एक नई मांग कर दी है. दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर देना चाहिए.
SC ने किया है मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
मनोज तिवारी ने कहा कि हमारी पार्टी जनता के लिए काम कर रही है और हमारा मानना है कि मॉनिटरिंग कमिटी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है. इसलिए उसे भंग कर देना चाहिए. गौरतलब है कि सीलिंग संबंधी मुद्दों की देखरेख के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया था.
अब देखना यह होगा कि बीजेपी की इस नई मांग पर दिल्ली के दो अन्य प्रमुख दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का क्या रुख होता है, वहीं सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर क्या निर्देश देता है.