नई दिल्लीः एक तरफ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अधीन चल रहे स्कूलों में शिक्षक तनख्वाह नहीं मिलने से परेशान हैं, तो दूसरी तरफ दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी इस बात को मानने से ही इनकार कर रही है कि किसी को तनख्वाह नहीं मिली है.
बीते दिन ईटीवी भारत के सवाल पर दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस बात से साफ इनकार किया कि स्कूलों में किसी को तनख्वाह नहीं मिली है. बल्कि उन्होंने ये दावा किया कि कमेटी के अधीन आने वाले सभी स्कूलों में तनख्वाह दे दी गई है.
इसी पर अब गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा है कि सिरसा को झूठ बोलने की पुरानी आदत है. दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और जागो पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
झूठ बोलने का लगाया आरोप
मनजीत सिंह जीके ने कहा कि दिल्ली कमेटी के मौजूदा प्रधान को झूठ बोलने की आदत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कमेटी के अधीन कुल 13 स्कूल चलते हैं जिनमें लोनी रोड और वसंत विहार के 2 बड़े स्कूल हैं. उन्होंने कहा कि दोनों ही स्कूलों में दो 2 महीने की तनख्वाह शिक्षकों को नहीं मिली है, जबकि अन्य स्कूलों में यह तनख्वाह और कहीं-कहीं 4 महीने की भी पेंडिंग हो सकती है.
'छठे वेतन आयोग का पैसा भी नहीं मिला'
मनजीत सिंह ने कहा कि अभी लॉकडाउन का समय गुजरा है. ऐसे में ये सोचना चाहिए कि लोगों का गुजारा कैसे होगा. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की तनख्वाह के अलावा छठे वेतन आयोग का पैसा नहीं मिला है. हालांकि अभी कमेटी अगर लोगों को धमका रही है या झूठ बोल रही है तो ये गलत है.
'बेहतर मैनेजमेंट की है जरूरत'
जीके ने कहा कि सैलरी नहीं दे पाने के पीछे कई कारण है, जिसमें मुख्य है बच्चों की कमी हो जाना. स्कूलों में बच्चों की कमी इसलिए हुई है, क्योंकि कमेटी ठीक से स्कूलों को मैनेज नहीं कर पाई है. उसके बाद फंड की कमी है. ऐसे में जरूरत है बेहतर मैनेजमेंट की.