नई दिल्ली: उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को लेकर पत्र लिखा है. सचिव को भेजे गए पत्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा गवर्निंग बॉडी के पैनल का नाम बार-बार मांगने के बावजूद न भेजने को कारण बताया गया है.
गवर्निग बॉडी के गठन का मामला
सचिव को भेजे गए पत्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा गवर्निंग बॉडी के पैनल का नाम बार-बार मांगने के बावजूद न भेजने को कारण बताया गया है. पत्र में मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि दिल्ली सरकार द्वारा आंशिक रूप से और पूरी तरह से वित्त पोषित कई कॉलेजों के नियमित रूप से गवर्निंग बॉडी का पुनर्गठन नहीं किया गया है. कॉलेज मार्च 2019 के बाद से अधूरी गवर्निंग बॉडी के साथ काम कर रहे हैं.
पत्र में 6 कॉलेज का जिक्र
सिसोदिया ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को भेजे पत्र में लिखा है कि मुझे बताया गया है कि डीयू के छह कॉलेज लक्ष्मीबाई कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, केशव महाविद्यालय, आदिति कॉलेज, महर्षी वाल्मिकी कॉलेज आफ एजुकेशन और दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में गवर्निंग बॉडी का पैनल गठित नहीं हुआ है. सरकार की तरफ से डीयू को बार-बार याद दिलाने के बावजूद नामों का पूरा पैनल नहीं भेजा गया. उन्होंने लिखा है कि कुछ कॉलेजों ने पूर्ण पैनल के अभाव में भी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की है यह इन कॉलेजों में भ्रष्टाचार को दबाने की साजिश की तरफ इशारा करता है.
बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से 28 कॉलेजों में 12 कॉलेज वे हैं जिन्हें दिल्ली सरकार से 100 फीसद फंड मिलता है. बाकी को 5 फीसद फंड दिल्ली सरकार देती है.