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'गुवाहाटी HC का आदेश कहता है कि उत्तराखंड में उपचुनाव करवाए जा सकते थे' - गुवाहाटी HC का आदेश कहता है कि उत्तराखंड में उपचुनाव करवाए जा सकते थे

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड के राजनीतिक ताजा घटनाक्रम को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर तंज कसा है. इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि गुवाहटी हाई कोर्ट का आदेश कहता है कि राज्य में उपचुनाव करवाए जा सकते थे.

manish sisodia taunts BJP over Uttarakhand political crisis
मनीष सिसोदिया.
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Published : Jul 3, 2021, 11:42 AM IST

Updated : Jul 3, 2021, 2:19 PM IST

नई दिल्ली: उत्तराखंड में राजनीतिक संकट के बीच दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि गुवाहाटी HC का ये आदेश कहता है कि उत्तराखंड में उपचुनाव करवाए जा सकते थे. इसका मतलब तीरथ रावत ने संवैधानिक संकट की वजह से इस्तीफ़ा नहीं दिया. भाजपा के गंगोत्री सीट के सर्वे में “आप” के कर्नल कोठियाल भारी मतों से जीत रहे थे. इसलिए तीरथ रावत जी को इस्तीफ़ा दिलवाया गया.

बता दें, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात कर अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया. अब शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की बैठक में वर्तमान विधायकों में से ही किसी को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. दिल्ली से लेकर देहरादून तक दिन भर चली मुलाकातों और बैठकों के दौर के बाद रावत ने रात करीब साढ़े गयारह बजे अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा.

manish sisodia taunts BJP over Uttarakhand political crisis
ट्वीट.

इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनके इस्तीफा देने का मुख्य कारण संवैधानिक संकट था, जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए चुनाव कराना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि संवैधानिक संकट की परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा. रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने उन्हें उच्च पदों पर सेवा करने का मौका दिया.

पौड़ी से लोकसभा सदस्य रावत ने इस वर्ष 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था और संवैधानिक बाध्यता के तहत उन्हें छह माह के भीतर यानी 10 सितंबर से पहले विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना था. जनप्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 151ए के मुताबिक निर्वाचन आयोग संसद के दोनों सदनों और राज्‍यों के विधायी सदनों में खाली सीटों को रिक्ति होने की तिथि से छह माह के भीतर उपचुनावों के द्वारा भरने के लिए अधिकृत है, बशर्ते किसी रिक्ति से जुड़े किसी सदस्‍य का शेष कार्यकाल एक वर्ष अथवा उससे अधिक हो.

नई दिल्ली: उत्तराखंड में राजनीतिक संकट के बीच दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि गुवाहाटी HC का ये आदेश कहता है कि उत्तराखंड में उपचुनाव करवाए जा सकते थे. इसका मतलब तीरथ रावत ने संवैधानिक संकट की वजह से इस्तीफ़ा नहीं दिया. भाजपा के गंगोत्री सीट के सर्वे में “आप” के कर्नल कोठियाल भारी मतों से जीत रहे थे. इसलिए तीरथ रावत जी को इस्तीफ़ा दिलवाया गया.

बता दें, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात कर अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया. अब शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की बैठक में वर्तमान विधायकों में से ही किसी को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. दिल्ली से लेकर देहरादून तक दिन भर चली मुलाकातों और बैठकों के दौर के बाद रावत ने रात करीब साढ़े गयारह बजे अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा.

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इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनके इस्तीफा देने का मुख्य कारण संवैधानिक संकट था, जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए चुनाव कराना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि संवैधानिक संकट की परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा. रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने उन्हें उच्च पदों पर सेवा करने का मौका दिया.

पौड़ी से लोकसभा सदस्य रावत ने इस वर्ष 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था और संवैधानिक बाध्यता के तहत उन्हें छह माह के भीतर यानी 10 सितंबर से पहले विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना था. जनप्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 151ए के मुताबिक निर्वाचन आयोग संसद के दोनों सदनों और राज्‍यों के विधायी सदनों में खाली सीटों को रिक्ति होने की तिथि से छह माह के भीतर उपचुनावों के द्वारा भरने के लिए अधिकृत है, बशर्ते किसी रिक्ति से जुड़े किसी सदस्‍य का शेष कार्यकाल एक वर्ष अथवा उससे अधिक हो.

Last Updated : Jul 3, 2021, 2:19 PM IST
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