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आर्थिक सर्वेक्षण 2019: दिल्ली वालों की आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में 3 गुना अधिक

दिल्ली के वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया. यह रिपोर्ट दिल्ली की आर्थिक स्थिति की वर्तमान स्थिति और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को दर्शाती है.

वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने पेश किया रिपोर्ट
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Published : Feb 23, 2019, 7:02 PM IST

नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट वित्त विभाग की ओर से पेश की जाने वाली अधिकारिक रिपोर्ट होती है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया जाता है कि साल के दौरान विकास की प्रवृत्ति क्या और कैसी रही. रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद 7,7 9,6 5 2 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है. जो 2017-18 की तुलना में 12.98% की वृद्धि दर्शाता है. वास्तविक रूप से 2018-19 के दौरान विकास दर 8.61% रहने का अनुमान है.

दिल्ली वालों की बढ़ी आमदनी

दिल्ली वालों की बढ़ी आमदनी
दिल्ली वालों की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 2018-19 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1,25,397 रुपये की तुलना में 3,65,529 पर पहुंच जाने की संभावना है. 2017-18 के दौरान कर राजस्व की वार्षिक वृद्धि दर 14.7% हुई. जबकि 2016-17 में यह 3.03% थी.

पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू
दिल्ली सरकार ने 2016-17 से 20-21 की अवधि के लिए पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू किया है. दिल्ली ने अपनी राजस्व अधिशेष की स्थिति निरंतर बनाए रखें. जोकि 2017-18 के दौरान 4913 करोड़ रुपये था. दिल्ली में सामाजिक क्षेत्र पर वित्तीय वर्ष 2014-15 में 68. 71% था. जो 2017-18 में बढ़कर 74.6% हो गया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्यक्रमों व परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 83.60% बजट आवंटित किया गया.

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शिक्षा मद में सर्वाधिक बजट
दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 में शिक्षा क्षेत्र को प्रथम वरीयता जारी रखा और इस मद के में आवंटित बजट का 27.63% हिस्सा आवंटित किया गया. इसके बाद सामाजिक सुरक्षा और कल्याण क्षेत्र में 16. 63%, चिकित्सा और जन स्वास्थ्य क्षेत्र में 14. 81%, आवास और शहरी विकास क्षेत्र में 14.12% परिवहन व्यवस्था सुधारने के लिए बजट में 11. 67% जलापूर्ति और स्वच्छता के मध्य में 10. 68% बजट का प्रावधान किया.

सब्सिडी देने की घोषणा
पर्यावरण वन और ग्रामीण विकास दिल्ली सरकार ने अधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों में पाइप वाली प्राकृतिक गैस अपनाने वाले उद्योगों को एक लाख तक का प्रोत्साहन देने का ऐलान किया है. रेस्तराओं में विद्युत या गैस आधारित तंदूर लगाने के लिए ₹5000 तक सब्सिडी प्रदान दी जाने की घोषणा की है. दिल्ली में कुल वन क्षेत्र पहले की तुलना में बढ़ा है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का हरित क्षेत्र 2015 में करीब 20.2% था. जो 2017 में बढ़कर 20.6% हो गया है. दिल्ली में 305.41 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र हुआ है. दिल्ली में पिछली दो कृषि गणना के आधार पर कृषि जोतों की संख्या 2010-11 में 20497 से बढ़कर 2015-16 में 20675 हो गई.

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विद्युत और उद्योग
विद्युत और उद्योग दिल्ली में विद्युत आपूर्ति 2014-15 के दौरान 37484 मिलियन यूनिट थी. जो 2017-18 में बढ़कर 38,510 मिलियन यूनिट हो गई. बिजली उपभोक्ताओं की कुल संख्या 2017-18 में 57.55 लाख थी. पिछले 10 वर्षों में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में 71.92% बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली में कुल बिजली खरीद पिछले 10 वर्षों के दौरान 55.38% बढ़ी है. पीक ऑवर के दौरान बिजली की मांग 2014-15 में 5925 मेगा वाट थी. जो 2017-18 में बढ़कर 6526 मेगावाट हो गई.

तकनीकी और वाणिज्यिक घाटा
दिल्ली में कुल तकनीकी और वाणिज्यिक घाटा 2017-18 में घटकर 9.15% रह गया. जो सुधार पूर्व अवधि में 52% था. दिल्ली में चालू फैक्ट्रियों की संख्या 2014 में 8968 थी. 2017 में बढ़कर 9059 हो गई. इसी तरह इन फैक्ट्रियों में कार्यरत अनुमानित श्रमिक 2014 में 416927 से बढ़कर 2017 में 420156 हो गए.

निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है
दिल्ली में वाहन प्रेमियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को तवज्जो ना देकर निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है. इसी का नतीजा है कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सरकार ने बताया है कि 31 मार्च 2018 तक दिल्ली में कुल 10090886 लाख वाहनों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में यह 5.14% अधिक है. 31 दिसंबर तक मेट्रो के 3 फेस के तहत कुल 327 किलोमीटर लाइन पर मेट्रो चल रही है.

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बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड सुविधा
डीटीसी के बारे में नई बसें भले ही नहीं शामिल हुई, लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड सुविधा लागू की गई है. सरकार नए वित्त वर्ष में तकरीबन 3000 नई बसें खरीदने जा रही है तो इसके लिए दिचाऊ कला, बवाना, रानी खेड़ा, द्वारका में बस डिपो का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. रेवला खानपुर और खड़खड़ी नाहर में बस डिपो का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

आवास और जलापूर्ति
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के करीब 83.42 प्रतिशत परिवारों को पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति की जा रही है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 675 झुग्गी झोपरी बस्तियां हैं. जिनमें करीब 3.06 लाख झुग्गी वासी रह रहे हैं. यह बस्तियां 799 हेक्टेयर भूमि पर फैली है. पुरानी दिल्ली क्षेत्र के मूल धरोहर स्वरूप को बनाए रखने और पर्यावरण में सुधार लाने के लिए शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम के माध्यम से एक व्यापक पुनर्विकास योजना तैयार की गई है.

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शिक्षा स्तर में सुधार
दिल्ली सरकार के अंतर्गत 1227 सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूल है. जो दिल्ली में संचालित कुल स्कूलों का 21.3% है. जबकि सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों की दाखिला में हिस्सेदारी 2017-18 के दौरान कुल दाखिलों में 37.24% थी. दिल्ली में सरकार द्वारा प्रति छात्र प्रति वर्ष शिक्षा व्यय 2014-15 में ₹35580 था. जो 2018-19 में बढ़कर ₹66038 हो गया है. मौजूदा सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त 8095 क्लास रूम बनाए और संचालित किए गए हैं.
सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़े
2018 में 301 सरकारी स्कूलों में नर्सरी की कक्षाएं शुरू की गई. शिक्षा विभाग के सभी 1024 स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम लागू किया गया. दिल्ली में स्कूलों की संख्या 2012-13 में 5155 थी. जो 2017-18 में बढ़कर 5760 हो गई. दिल्ली के स्कूलों में छात्रों के दाखिले की संख्या 2012-13 में 42.68 लाख थी. जो 2017-18 में बढ़कर 43.93 लाख हो गई. दिल्ली में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च 2014-15 में ₹2116 था जो 2017-18 में बढ़कर ₹2493 हो गया.

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नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट वित्त विभाग की ओर से पेश की जाने वाली अधिकारिक रिपोर्ट होती है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया जाता है कि साल के दौरान विकास की प्रवृत्ति क्या और कैसी रही. रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद 7,7 9,6 5 2 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है. जो 2017-18 की तुलना में 12.98% की वृद्धि दर्शाता है. वास्तविक रूप से 2018-19 के दौरान विकास दर 8.61% रहने का अनुमान है.

दिल्ली वालों की बढ़ी आमदनी

दिल्ली वालों की बढ़ी आमदनी
दिल्ली वालों की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 2018-19 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1,25,397 रुपये की तुलना में 3,65,529 पर पहुंच जाने की संभावना है. 2017-18 के दौरान कर राजस्व की वार्षिक वृद्धि दर 14.7% हुई. जबकि 2016-17 में यह 3.03% थी.

पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू
दिल्ली सरकार ने 2016-17 से 20-21 की अवधि के लिए पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू किया है. दिल्ली ने अपनी राजस्व अधिशेष की स्थिति निरंतर बनाए रखें. जोकि 2017-18 के दौरान 4913 करोड़ रुपये था. दिल्ली में सामाजिक क्षेत्र पर वित्तीय वर्ष 2014-15 में 68. 71% था. जो 2017-18 में बढ़कर 74.6% हो गया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्यक्रमों व परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 83.60% बजट आवंटित किया गया.

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शिक्षा मद में सर्वाधिक बजट
दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 में शिक्षा क्षेत्र को प्रथम वरीयता जारी रखा और इस मद के में आवंटित बजट का 27.63% हिस्सा आवंटित किया गया. इसके बाद सामाजिक सुरक्षा और कल्याण क्षेत्र में 16. 63%, चिकित्सा और जन स्वास्थ्य क्षेत्र में 14. 81%, आवास और शहरी विकास क्षेत्र में 14.12% परिवहन व्यवस्था सुधारने के लिए बजट में 11. 67% जलापूर्ति और स्वच्छता के मध्य में 10. 68% बजट का प्रावधान किया.

सब्सिडी देने की घोषणा
पर्यावरण वन और ग्रामीण विकास दिल्ली सरकार ने अधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों में पाइप वाली प्राकृतिक गैस अपनाने वाले उद्योगों को एक लाख तक का प्रोत्साहन देने का ऐलान किया है. रेस्तराओं में विद्युत या गैस आधारित तंदूर लगाने के लिए ₹5000 तक सब्सिडी प्रदान दी जाने की घोषणा की है. दिल्ली में कुल वन क्षेत्र पहले की तुलना में बढ़ा है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का हरित क्षेत्र 2015 में करीब 20.2% था. जो 2017 में बढ़कर 20.6% हो गया है. दिल्ली में 305.41 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र हुआ है. दिल्ली में पिछली दो कृषि गणना के आधार पर कृषि जोतों की संख्या 2010-11 में 20497 से बढ़कर 2015-16 में 20675 हो गई.

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विद्युत और उद्योग
विद्युत और उद्योग दिल्ली में विद्युत आपूर्ति 2014-15 के दौरान 37484 मिलियन यूनिट थी. जो 2017-18 में बढ़कर 38,510 मिलियन यूनिट हो गई. बिजली उपभोक्ताओं की कुल संख्या 2017-18 में 57.55 लाख थी. पिछले 10 वर्षों में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में 71.92% बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली में कुल बिजली खरीद पिछले 10 वर्षों के दौरान 55.38% बढ़ी है. पीक ऑवर के दौरान बिजली की मांग 2014-15 में 5925 मेगा वाट थी. जो 2017-18 में बढ़कर 6526 मेगावाट हो गई.

तकनीकी और वाणिज्यिक घाटा
दिल्ली में कुल तकनीकी और वाणिज्यिक घाटा 2017-18 में घटकर 9.15% रह गया. जो सुधार पूर्व अवधि में 52% था. दिल्ली में चालू फैक्ट्रियों की संख्या 2014 में 8968 थी. 2017 में बढ़कर 9059 हो गई. इसी तरह इन फैक्ट्रियों में कार्यरत अनुमानित श्रमिक 2014 में 416927 से बढ़कर 2017 में 420156 हो गए.

निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है
दिल्ली में वाहन प्रेमियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को तवज्जो ना देकर निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है. इसी का नतीजा है कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सरकार ने बताया है कि 31 मार्च 2018 तक दिल्ली में कुल 10090886 लाख वाहनों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में यह 5.14% अधिक है. 31 दिसंबर तक मेट्रो के 3 फेस के तहत कुल 327 किलोमीटर लाइन पर मेट्रो चल रही है.

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बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड सुविधा
डीटीसी के बारे में नई बसें भले ही नहीं शामिल हुई, लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड सुविधा लागू की गई है. सरकार नए वित्त वर्ष में तकरीबन 3000 नई बसें खरीदने जा रही है तो इसके लिए दिचाऊ कला, बवाना, रानी खेड़ा, द्वारका में बस डिपो का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. रेवला खानपुर और खड़खड़ी नाहर में बस डिपो का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

आवास और जलापूर्ति
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के करीब 83.42 प्रतिशत परिवारों को पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति की जा रही है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 675 झुग्गी झोपरी बस्तियां हैं. जिनमें करीब 3.06 लाख झुग्गी वासी रह रहे हैं. यह बस्तियां 799 हेक्टेयर भूमि पर फैली है. पुरानी दिल्ली क्षेत्र के मूल धरोहर स्वरूप को बनाए रखने और पर्यावरण में सुधार लाने के लिए शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम के माध्यम से एक व्यापक पुनर्विकास योजना तैयार की गई है.

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शिक्षा स्तर में सुधार
दिल्ली सरकार के अंतर्गत 1227 सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूल है. जो दिल्ली में संचालित कुल स्कूलों का 21.3% है. जबकि सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों की दाखिला में हिस्सेदारी 2017-18 के दौरान कुल दाखिलों में 37.24% थी. दिल्ली में सरकार द्वारा प्रति छात्र प्रति वर्ष शिक्षा व्यय 2014-15 में ₹35580 था. जो 2018-19 में बढ़कर ₹66038 हो गया है. मौजूदा सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त 8095 क्लास रूम बनाए और संचालित किए गए हैं.
सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़े
2018 में 301 सरकारी स्कूलों में नर्सरी की कक्षाएं शुरू की गई. शिक्षा विभाग के सभी 1024 स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम लागू किया गया. दिल्ली में स्कूलों की संख्या 2012-13 में 5155 थी. जो 2017-18 में बढ़कर 5760 हो गई. दिल्ली के स्कूलों में छात्रों के दाखिले की संख्या 2012-13 में 42.68 लाख थी. जो 2017-18 में बढ़कर 43.93 लाख हो गई. दिल्ली में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च 2014-15 में ₹2116 था जो 2017-18 में बढ़कर ₹2493 हो गया.

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Intro:नई दिल्ली. दिल्ली के वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया. यह रिपोर्ट दिल्ली की आर्थिक स्थिति की वर्तमान स्थिति और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को दर्शाती है. वास्तव में यह वित्त विभाग की ओर से पेश की जाने वाली अधिकारिक रिपोर्ट होती है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया जाता है कि साल के दौरान विकास की प्रवृत्ति क्या और कैसी रही. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद 7, 7 9, 6 5 2 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है. जो 2017-18 की तुलना में 12.98% की वृद्धि दर्शाता है. वास्तविक रूप से 2018-19 के दौरान विकास दर 8.61% रहने का अनुमान है.


Body:दिल्ली वालों की बढ़ी आमदनी

दिल्ली वालों की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 2018-19 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1,25,397 रुपये की तुलना में 3,65,529 पर पहुंच जाने की संभावना है. 2017-18 के दौरान कर राजस्व की वार्षिक वृद्धि दर 14.7% हुई. जबकि 2016-17 में यह 3.03% थी.

दिल्ली सरकार ने 2016-17 से 20-21 की अवधि के लिए पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू किया है. दिल्ली ने अपनी राजस्व अधिशेष की स्थिति निरंतर बनाए रखें. जोकि 2017-18 के दौरान 4913 करोड़ रुपये था. दिल्ली में सामाजिक क्षेत्र पर वित्तीय वर्ष 2014-15 में 68. 71% था. जो 2017-18 में बढ़कर 74.6% हो गया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्यक्रमों व परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 83.60% बजट आवंटित किया गया.

शिक्षा मद में सर्वाधिक बजट

दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 में शिक्षा क्षेत्र को प्रथम वरीयता जारी रखा और इस मद के में आवंटित बजट का 27.63% हिस्सा आवंटित किया गया. इसके बाद सामाजिक सुरक्षा और कल्याण क्षेत्र में 16. 63%, चिकित्सा और जन स्वास्थ्य क्षेत्र में 14. 81%, आवास और शहरी विकास क्षेत्र में 14.12% परिवहन व्यवस्था सुधारने के लिए बजट में 11. 67% जलापूर्ति और स्वच्छता के मध्य में 10. 68% बजट का प्रावधान किया.

पर्यावरण

पर्यावरण वन और ग्रामीण विकास दिल्ली सरकार ने अधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों में मौजूदा प्रदूषण फैलाने वाले इन दोनों के स्थान पर पाइप वाली प्राकृतिक गैस अपनाने वाले उद्योगों को एक लाख तक का प्रोत्साहन देने और रेस्तराओं को कोयला आधारित प्रत्येक तंदूर के स्थान पर विद्युत या गैस आधारित तंदूर लगाने के लिए ₹5000 तक सब्सिडी प्रदान किए जाने की नीतियों को अनुमोदित की है. दिल्ली में कुल वन क्षेत्र पहले की तुलना में बढ़ा है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का हरित क्षेत्र 2015 में करीब 20.2% था. जो 2017 में बढ़कर 20.6% हो गया है. दिल्ली में 305.41 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र हुआ है.

दिल्ली में पिछली दो कृषि गणना के आधार पर कृषि जोतों की संख्या 2010-11 में 20497 से बढ़कर 2015-16 में 20675 हो गई.

विद्युत और उद्योग

विद्युत और उद्योग दिल्ली में विद्युत आपूर्ति 2014-15 के दौरान 37484 मिलियन यूनिट थी. जो 2017-18 में बढ़कर 38,510 मिलियन यूनिट हो गई. बिजली उपभोक्ताओं की कुल संख्या 2017-18 में 57.55 लाख थी. पिछले 10 वर्षों में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में 71.92% बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली में कुल बिजली खरीद पिछले 10 वर्षों के दौरान 55.38% बढ़ी है. पीक ऑवर के दौरान बिजली की मांग 2014-15 में 5925 मेगा वाट थी. जो 2017-18 में बढ़कर 6526 मेगावाट हो गई.दिल्ली में कुल तकनीकी और वाणिज्यिक घाटा 2017-18 में घटकर 9.15% रह गया. जो सुधार पूर्व अवधि में 52% था. दिल्ली में चालू फैक्ट्रियों की संख्या 2014 में 8968 थी. 2017 में बढ़कर 9059 हो गई. इसी तरह इन फैक्ट्रियों में कार्यरत अनुमानित श्रमिक 2014 में 416927 से बढ़कर 2017 में 420156 हो गए.

परिवहन

दिल्ली में वाहन प्रेमियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को तवज्जो ना देकर निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है. इसी का नतीजा है कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सरकार ने बताया है कि 31 मार्च 2018 तक दिल्ली में कुल 10090886 लाख वाहनों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में यह 5.14% अधिक है. 31 दिसंबर तक मेट्रो के 3 फेस के तहत कुल 327 किलोमीटर लाइन पर मेट्रो चल रही है. डीटीसी के बारे में नई बसें भले ही नहीं शामिल हुई, लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड सुविधा लागू की गई है. सरकार नए वित्त वर्ष में तकरीबन 3000 नई बसें खरीदने जा रही है तो इसके लिए दिचाऊ कला, बवाना, रानी खेड़ा, द्वारका में बस डिपो का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. रेवला खानपुर और खड़खड़ी नाहर में बस डिपो का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

आवास और जलापूर्ति

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के करीब 83.42 प्रतिशत परिवारों को पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति की जा रही है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 675 झुग्गी झोपरी बस्तियां हैं. जिनमें करीब 3.06 लाख झुग्गी वासी रह रहे हैं. यह बस्तियां 799 हेक्टेयर भूमि पर फैली है. पुरानी दिल्ली क्षेत्र के मूल धरोहर स्वरूप को बनाए रखने और पर्यावरण में सुधार लाने के लिए शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम के माध्यम से एक व्यापक पुनर्विकास योजना तैयार की गई है.

शिक्षा

दिल्ली सरकार के अंतर्गत 1227 सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूल है. जो दिल्ली में संचालित कुल स्कूलों का 21.3% है. जबकि सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों की दाखिला में हिस्सेदारी 2017-18 के दौरान कुल दाखिलों में 37.24% थी.

दिल्ली में सरकार द्वारा प्रति छात्र प्रति वर्ष शिक्षा व्यय 2014-15 में ₹35580 था. जो 2018-19 में बढ़कर ₹66038 हो गया है. मौजूदा सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त 8095 क्लास रूम बनाए और संचालित किए गए हैं. 2018 में 301 सरकारी स्कूलों में नर्सरी की कक्षाएं शुरू की गई. शिक्षा विभाग के सभी 1024 स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम लागू किया गया. दिल्ली में स्कूलों की संख्या 2012-13 में 5155 थी. जो 2017-18 में बढ़कर 5760 हो गई. दिल्ली के स्कूलों में छात्रों के दाखिले की संख्या 2012-13 में 42.68 लाख थी. जो 2017-18 में बढ़कर 43.93 लाख हो गई. दिल्ली में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च 2014-15 में ₹2116 था जो 2017-18 में बढ़कर ₹2493 हो गया.

समाप्त, आशुतोष झा


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