नई दिल्ली: बजट से पहले सभी राज्यों को उम्मीदें होती हैं कि बजट के पिटारे से उनके लिए कुछ निकलेगा. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को लेकर आम आदमी पार्टी को भी बहुत सी उम्मीदें हैं. आज प्री बजट मीटिंग में इसे लेकर पार्टी नेता और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई मांगें भी रखी.
आम आदमी पार्टी की ओर से केंद्र पर कई बार आरोप लगाए गए है कि दिल्ली को बाकी राज्यों की तरह बजट में हिस्सेदारी नहीं दी जाती. आम आदमी पार्टी के नेता केंद्रीय कर में उचित हिस्सेदारी ना मिलने का आरोप भी केंद्र सरकार पर लगाते रहे हैं. अब जबकि आगामी दिनों में बजट पेश होना है, इसे लेकर फिर से आम आदमी पार्टी की तरफ से मांग उठने लगी है.
केंद्रीय कर को दिल्ली की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग
प्री बजट मीटिंग में उपमुख्यमंत्री और दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने ये मांग रखी है कि केंद्रीय कर में दिल्ली की हिस्सेदारी को बढ़ाया जाए. सिसोदिया ने कहा कि 18 साल से दिल्ली को केवल 325 करोड़ रुपये मिलते हैं. इसे बढ़ाकर अब 6 हजार करोड़ किया जाए.
इसके पीछे सिसोदिया का तर्क है कि दिल्ली के लोग डेढ़ लाख करोड़ रुपये केंद्रीय टैक्स देते हैं. बाकी राज्यों को केंद्रीय करों में 42% की हिस्सेदारी मिलती है, लेकिन दिल्ली जितना टैक्स देती है, उस अनुपात में हमें काफी कम हिस्सा मिलता है.
इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने देश के बाकी नगर निगमों की तर्ज पर दिल्ली के नगर निगम के लिए भी अलग से फंड की मांग की है. सिसोदिया ने कहा है कि केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को छोड़कर देश के सारे नगर निगमों को अलग से ग्रांट देती है, इसलिए अब दिल्ली को भी ऐसा दिया जाए.
देखने वाली बात ये है कि वित्त मंत्री से की गई मनीष सिसोदिया की अपील क्या असर डालती है और अगले बजट में दिल्ली के लिए क्या कुछ निकल कर सामने आता है.