नई दिल्ली: कॉलेजों में फंड की कमी पर तेजी से सियासत हो रही है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. दिल्ली सरकार के वित्तपोषित कॉलेज 2 महीने से फंड की किल्लत से जूझ रहे हैं. मनीष सिसोदिया का कहना है कि ये समस्या केंद्र की मनमानी की वजह से हो रही है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मनीष सिसोदिया ने कहा कि डीयू के वीसी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 में से 12 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी को फॉर्म नहीं होने दे रहे हैं और जब तक गवर्निंग बॉडी फॉर्म नहीं हो जाती, सरकार कैसे फंड जारी करेगी?
उन्होंने कहा कि गवर्निंग बॉडी का काम कॉलेज प्रशासन पर निगरानी रखना है. बिना उसके फंड का क्या इस्तेमाल किया जाएगा ये कहना मुश्किल है. केंद्र सरकार वीसी को नए-नए निर्देश ना दे, तो फंड देने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं है.
पिछले दिनों नेता विपक्ष के सामने आया था मुद्दा
कुछ दिनों पहले डीयू के कॉलेजों के शिक्षकों ने नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता से मुलाकात कर इस मसले को उठाया था. उनका कहना था कि फंड की कमी के चलते उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है. तब उन्होंने उपराज्यपाल तक से मुलाकात कर फंड की मांग की थी और कहा था कि दिल्ली सरकार को फंड रिलीज करने के लिए निर्देश दिए जाएं.
शिक्षकों ने उपराज्यपाल से मुलाकात के दौरान बताया कि 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उच्च शिक्षा के सचिव को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि जब तक इन कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं हो जाता, तब तक इन कॉलेजों को फंड जारी नहीं किया जाए.
जिसके बाद LG ने इस फैसले की तुरंत समीक्षा करने की बात कही थी और बीजेपी विधायक ने गवर्निंग बॉडी गठन नहीं करने के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. वहीं अब शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया खुलकर सामने आए हैं और उन्होंने कहा है कि डीयू के वीसी नहीं चाहते कि इन 12 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी का गठन हो.