नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट आज उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के कई केसों में पैरवी करने वाले वकील महमूद प्राचा के खिलाफ जारी सर्च वारंट पर रोक लगाने की मांग पर सुनवाई करेगा.
सर्च वारंट पर लग चुकी है रोक
पिछले 10 मार्च को कोर्ट ने अगले आदेश तक सर्च वारंट पर रोक लगा दिया था. दरअसल पिछले 9 मार्च को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने महमूद प्राचा के निजामुद्दीन ईस्ट स्थित दफ्तर पर छापा मारने गई थी. लेकिन दफ्तर में ताला लगे होने की वजह से लौट गई. उसके बाद महमूद प्राचा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुनवाई के दौरान महमूद प्राचा ने कहा था कि पुलिस ने पहले जो छापा मारा था, उस दौरान सभी दस्तावेज हासिल कर लिया था. ऐसे में अब किसी पड़ताल की कोई जरुरत नहीं है.
दिल्ली पुलिस पर परेशान करने का आरोप
महमूद प्राचा ने कहा था कि उनके खिलाफ फर्जी केस बनाया गया है. ये केस केवल उन्हें परेशान करने के लिए बनाया गया है. इस साजिश में राजनेता, नौकरशाह और कुछ न्यायिक अधिकारी भी शामिल हैं. उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली पुलिस को कोई खास दस्तावेज चाहिए तो वे उसे देने के लिए तैयार हैं. अगर कोर्ट आदेश करे तो वो अपना कंप्युटर लेकर कोर्ट में दिखा सकते हैं.
दिसंबर 2020 में मारा गया था छापा
बता दें कि प्राचा के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस की ओर से 24 दिसंबर 2020 की दोपहर करीब 12 बजे से लेकर दरम्यानी रात के तीन बजे तक पुलिस ने छापा मारा था. प्राचा ने कहा था कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश की आड़ में जांच के नाम पर कानून का खुला उल्लंघन किया है.
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