नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के कई केसों में पैरवी करने वाले वकील महमूद प्राचा ने अपने खिलाफ जारी सर्च वारंट की अनुमति देने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले को पटियाला हाउस कोर्ट के सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है. आज एडिशन सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने सर्च वारंट पर कोई भी दखल देने से इनकार कर दिया. सेशंस कोर्ट में इस मामले पर कल यानि 27 मार्च को सुनवाई होगी.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सर्च वारंट की इजाजत दी थी
बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने महमूद प्राचा के खिलाफ जारी सर्च वारंट की अनुमति दे दी थी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि महमूद प्राचा की आपत्तियां बेबुनियाद हैं. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि पुलिस को कानून के मुताबिक महमूद प्राचा के कंप्यूटर को जब्त करने की अनुमति दी जाती है.
धारा 126 का लाभ नहीं दिया जा सकता
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा था कि महमूद प्राचा को साक्ष्य अधिनियम की धारा 126 का लाभ नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने कहा था कि पेन ड्राइव से डाटा निकालने की बात करना जांच को सीमित करने के बराबर है. उन्होंने सर्च वारंट पर रोक के कोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान प्राचा की ओर से सुनवाई स्थगित करने की मांग का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया था.
9 मार्च को पुलिस ने मारा था छापा
पिछले 10 मार्च को कोर्ट ने महमूद प्राचा के खिलाफ जारी सर्च वारंट पर रोक लगा दी थी. दरअसल पिछले 9 मार्च को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने महमूद प्राचा के निजामुद्दीन ईस्ट स्थित दफ्तर पर छापा मारने गई थी लेकिन दफ्तर में ताला लगे होने की वजह से लौट गई. उसके बाद महमूद प्राचा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुनवाई के दौरान महमूद प्राचा ने कहा था कि पुलिस ने पहले जो छापा मारा था उस दौरान सभी दस्तावेज हासिल कर लिया था. ऐसे में अब किसी पड़ताल की कोई जरुरत नहीं है.