नई दिल्ली: राजनीति और कानून के महारथी कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पंचतत्व में विलीन हो गए. रविवार दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. जेटली को अंतिम विदाई देने के लिए बीजेपी के नेताओं के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेता भी निगमबोध घाट पहुंचे.
'एक भाई, गुरु और मार्गदर्शक के रुप में रहे'
बीजेपी नेता महेश शर्मा ने बातचीत में बताया कि जेटली जी से मेरा संपर्क 1977 से है, जब मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र था. वह मेरे साथ एक भाई, गुरु और मार्गदर्शक के रुप में रहे. उन्होंने कहा कि मुझे वास्तव में राजनीति में लाने वाले जेटली जी थे, मैं समझता हूं कि वह अपने आप में एक मूविंग इनसाइक्लोपीडिया थे.
'जेटली ने 8 विषयों पर स्वयं ही दे डाले जवाब'
उन्होंने कहा कि अरुण जेटली का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर ज्ञान संसद में साफ तौर पर देखने को मिलता था. उन्होंने बताया कि एक दिन अरुण जेटली ने 8 विषयों के जवाब स्वयं ही दे डाले. महेश शर्मा ने बताया कि अस्पताल में एडमिट होने से एक दिन पहले उनकी अरुण जेटली से फोन पर बात हुई थी. जेटली के गुजर जाने से राजनीतिक जगत के साथ-साथ पूरे देश में मातम का माहौल है.