नई दिल्ली: देश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक सिद्ध पीठ कालकाजी मंदिर में दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से रिटायर्ड जज जे आर मिड्ढा को प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है, जो मंदिर में सभी व्यवस्थाओं को देखेंगे और उनको लेकर फैसला लेंगे. लेकिन उनके नियुक्ती होते ही मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत और उनके बीच खींचतान देखने को मिल रही है.
मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत का कहना है कि नवरात्रि में कालकाजी मंदिर में भक्तों के प्रवेश के लिए केवल एक द्वार को खोला गया है और निकासी के लिए भी एक ही द्वार खुला रहेगा. जिसके अंतर्गत छात्रों के प्रवेश के लिए राम प्याऊ की ओर से एंट्री होगी, तो वहीं निकास महंत परिसर के आगे से किया जाएगा. इसके चलते महंत परिसर को पूरी तरीके से बंद करवाया जा रहा है. यहां तक की हमारे पंडित और पुजारियों को परिसर से बाहर निकलकर पूजा करने तक की अनुमति नहीं है.
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इसके अलावा मंदिर के भवन के नीचे शिव मंदिर, हनुमान मंदिर और महंत परिसर पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं. यानी कि नवरात्रि में भवन से दर्शन के बाद भक्तों को सीधे मंदिर के बाहर जाना होगा. मंदिर परिसर में मौजूद किसी अन्य मंदिर में भक्तों को जाने की अनुमति नहीं होगी. महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से मंदिर में व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए रिटायर्ड जज जे आर मिड्ढा को नियुक्त किया गया है, जो अब से मंदिर में भक्तों के दर्शन से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाओं पर आदेश देंगे, जिसे लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने उनके साथ पूरा सहयोग करने की बात कही. लेकिन उन्होंने मंदिर के विकास के नाम पर महंत परिसर को पूरी तरीके से बंद करने का आदेश दिया है. जिसके चलते न तो हमारे पंडित और पुजारी मंदिर में दर्शन के लिए जा पाएंगे और न ही कोई भक्त हमारे पास आ पाएगा.
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महंत ने बताया कि नवरात्रि में भक्तों के प्रवेश के लिए राम प्याऊ की तरफ से एंट्री रखी गई है और निकास के लिए महंत परिसर के सामने से भक्त मंदिर के बाहर जाएंगे. ऐसे में महंत परिसर को पूरी तरीके से बंद किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं और अपील करते हैं कि महंत परिसर को बंद न किया जाए. क्योंकि हम अपने पूजा अनुष्ठान करने के लिए मंदिर के बाहर नहीं जा पाएंगे और न ही महंत परिषद के कर्मचारी मंदिर से बाहर आ जा पाएंगे.
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वहीं मंदिर के महंत ने मंदिर की महीने की करोड़ों की आय के खुलासे को लेकर कहा कि ये सभी भ्रम फैलाया जा रहा है. जबकि कोर्ट की ओर से आय को लेकर रिसीवर भी नियुक्त किए गए हैं और उनके मुताबिक महीने की आय 60 लाख रुपए के करीब है न कि करोड़ों रुपए. साथ ही उन्होंने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने हर महीने 15 लाख रुपए मंदिर के निर्माण में देने को कहा है जिसका वो समर्थन करते हैं.