नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सभी छह जिला अदालतों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. जहां ट्रैफिक चालान, चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद जैसे जुड़े मामलों के निपटारे के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में बड़ी संख्या में पक्षकार जुटे थे.
पक्षकारों के बैठने की अलग से व्यवस्था की गई थी
पक्षकारों की बड़ी संख्या में आने की वजह दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण ने कोर्ट परिसर में बैठने के लिए कुर्सियां, पीने के लिए पानी, चाय और नाश्ते का इंतजाम किया था. सुबह से ही अपने मामलों के निपटारे के लिए पक्षकारों का हुजूम उमड़ गया था.
क्या है लोक अदालत
लोक अदालत का अर्थ है जनता की अदालत. यह एक ऐसा मंच है जहां आपसी सहमति से विवादों का निपटारा किया जाता है. लोक अदालत विवादों को सुलझाने का वैकल्पिक साधन है. लोक अदालत में पक्षकारों की सहमति ही विवादों के समाधान का आधार होते हैं लेकिन वे समाधान कानून के विपरीत नहीं हो सकते हैं.
किन विवादों का निपटारा लोक अदालत में होता है
लोक अदालत में उन आपराधिक मुकदमों को छोड़कर जिनमें कानूनन समझौता संभव नही है. सभी दीवानी और आपराधिक मुकदमों का आपसी समझौते के द्वारा निपटाये जाते हैं. कोर्ट में मामला जाने से पहले भी ऐसे विवाद जिन्हें कोर्ट के समक्ष दायर नहीं किया गया है उनका भी प्री लिटिगेशन स्तर पर यानि मुकदमा दायर किये बिना ही दोनो पक्षों की सहमति से लोक अदालतों में निपटारा किया जा सकता है.