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RPL certificate: LG वीके सक्सेना ने 1600 प्रशिक्षुओं को RPL प्रमाण पत्र किया वितरित - अप स्किलिंग कार्यक्रम

दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में सोमवार को 1600 प्रशिक्षुओं को हुनर की पहचान के लिए आरपीएल (RPL) प्रमाण पत्रों से सम्मानित किया गया.

1600 प्रशिक्षुओं को RPL प्रमाण पत्र किया वितरित
1600 प्रशिक्षुओं को RPL प्रमाण पत्र किया वितरित
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Published : May 1, 2023, 7:34 PM IST

नई दिल्ली: उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 1600 प्रशिक्षुओं को हुनर की पहचान के लिए आरपीएल (RPL) प्रमाण पत्रों से सम्मानित किया. इस दौरान भारत सरकार की संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थिति रहीं. कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के माध्यम से अप स्किलिंग कार्यक्रम के लिए एक संयुक्त पहल की है.

नौकरी देने के लिए उद्यमी बने युवा: कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में विरासत से एक कौशल जरूर होता है, लेकिन उसे नई तकनीकों का उपयोग करके सुधारने की आवश्यकता होती है. एलजी ने बताया कि विभिन्न पेशों के प्रशिक्षुओं की संख्या पहले चरण में मौजूदा 25000 से बढ़ाकर कुल 75000 की तक जायेगी. उपराज्यपाल ने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रमों में कौशल प्राप्त करने वाले युवाओं को नौकरी की तलाश नहीं करनी चाहिए, बल्कि दूसरों को नौकरी देने के लिए एक उद्यमी बनना चाहिए.

एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि एनडीएमसी के 5000 से अधिक कर्मचारियों ने संबंधित क्षेत्र में आरपीएल प्रशिक्षण लिया है. उन्होंने आगे बताया कि 25000 व्यक्तियों के लिए इस अप स्किलिंग प्रोग्राम पर कुल खर्च 4 करोड़ 36 लाख 28 हजार होगा, जिसमें से एनडीएमसी ने रु 2 करोड़ 86 लाख 28 हजार दे रही है. एमएसडीई ने अपने संकल्प कोष के माध्यम से रु 1.5 करोड़ का योगदान दिया है.

पारंपरिक नौकरी की भूमिकाएं हो रही विकसित: एनडीएमसी के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम सौंदर्य, चमड़ा, प्लंबिंग, हस्तकला, कृषि, भवन-निर्माण और अन्य प्रमुख व्यवसायों में श्रमिकों के कौशल को बढ़ाने पर केंद्रित है. आरपीएल या अपस्किलिंग कार्यक्रम सेक्टर स्किल काउंसिल्स (एसएससी) और उनके सूचीबद्ध प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से दो चरणों में लागू किया जा रहा है. पहले चरण में 25,000 और दूसरे चरण में 50,000 उम्मीदवारों का कौशल उन्नयन किया जाएगा. वहीं नएसडीसी के एमडी और सीईओ वेद मणि तिवारी ने कहा कि प्रौद्योगिकी और स्वचालन में प्रगति के साथ पारंपरिक नौकरी की भूमिकाएं विकसित हो रही हैं. नौकरी के नए अवसर उभर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Wrestlers Protest: दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए महिला पहलवानों के बयान, बृजभूषण से हो सकती है पूछताछ

महिलाओं और वंचित समुदायों की बढ़ी भागीदारी: दिल्ली में वर्तमान स्थिति में आरपीएल और अपस्किलिंग कार्यक्रम में महिलाओं और अन्य वंचित समुदायों की भारी भागीदारी देखी गई. उम्मीदवारों की कुल संख्या में से 31% महिलाएं हैं. 19% और 22% क्रमशः अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं. अब तक, 26,700 से अधिक उम्मीदवारों ने कार्यक्रम में नामांकन किया है, जिनमें से 26,424 को प्रशिक्षित किया गया है. जबकि 22,283 को प्रमाणित किया गया है. छात्रों ने डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और उद्यमिता विकास में विशेष रूप से स्थापित समूहों और शिविरों और अन्य उद्योग परिसरों में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त किया.

ये भी पढ़ें: Delhi Liquor Scam: कोर्ट ने ED की दो चार्जशीट पर लिया संज्ञान, सभी आरोपितों को 10 मई को पेश होने का आदेश

नई दिल्ली: उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 1600 प्रशिक्षुओं को हुनर की पहचान के लिए आरपीएल (RPL) प्रमाण पत्रों से सम्मानित किया. इस दौरान भारत सरकार की संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थिति रहीं. कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के माध्यम से अप स्किलिंग कार्यक्रम के लिए एक संयुक्त पहल की है.

नौकरी देने के लिए उद्यमी बने युवा: कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में विरासत से एक कौशल जरूर होता है, लेकिन उसे नई तकनीकों का उपयोग करके सुधारने की आवश्यकता होती है. एलजी ने बताया कि विभिन्न पेशों के प्रशिक्षुओं की संख्या पहले चरण में मौजूदा 25000 से बढ़ाकर कुल 75000 की तक जायेगी. उपराज्यपाल ने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रमों में कौशल प्राप्त करने वाले युवाओं को नौकरी की तलाश नहीं करनी चाहिए, बल्कि दूसरों को नौकरी देने के लिए एक उद्यमी बनना चाहिए.

एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि एनडीएमसी के 5000 से अधिक कर्मचारियों ने संबंधित क्षेत्र में आरपीएल प्रशिक्षण लिया है. उन्होंने आगे बताया कि 25000 व्यक्तियों के लिए इस अप स्किलिंग प्रोग्राम पर कुल खर्च 4 करोड़ 36 लाख 28 हजार होगा, जिसमें से एनडीएमसी ने रु 2 करोड़ 86 लाख 28 हजार दे रही है. एमएसडीई ने अपने संकल्प कोष के माध्यम से रु 1.5 करोड़ का योगदान दिया है.

पारंपरिक नौकरी की भूमिकाएं हो रही विकसित: एनडीएमसी के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम सौंदर्य, चमड़ा, प्लंबिंग, हस्तकला, कृषि, भवन-निर्माण और अन्य प्रमुख व्यवसायों में श्रमिकों के कौशल को बढ़ाने पर केंद्रित है. आरपीएल या अपस्किलिंग कार्यक्रम सेक्टर स्किल काउंसिल्स (एसएससी) और उनके सूचीबद्ध प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से दो चरणों में लागू किया जा रहा है. पहले चरण में 25,000 और दूसरे चरण में 50,000 उम्मीदवारों का कौशल उन्नयन किया जाएगा. वहीं नएसडीसी के एमडी और सीईओ वेद मणि तिवारी ने कहा कि प्रौद्योगिकी और स्वचालन में प्रगति के साथ पारंपरिक नौकरी की भूमिकाएं विकसित हो रही हैं. नौकरी के नए अवसर उभर रहे हैं.

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महिलाओं और वंचित समुदायों की बढ़ी भागीदारी: दिल्ली में वर्तमान स्थिति में आरपीएल और अपस्किलिंग कार्यक्रम में महिलाओं और अन्य वंचित समुदायों की भारी भागीदारी देखी गई. उम्मीदवारों की कुल संख्या में से 31% महिलाएं हैं. 19% और 22% क्रमशः अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं. अब तक, 26,700 से अधिक उम्मीदवारों ने कार्यक्रम में नामांकन किया है, जिनमें से 26,424 को प्रशिक्षित किया गया है. जबकि 22,283 को प्रमाणित किया गया है. छात्रों ने डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और उद्यमिता विकास में विशेष रूप से स्थापित समूहों और शिविरों और अन्य उद्योग परिसरों में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त किया.

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