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पीठासीन अधिकारी के लिए एलजी ने किया सत्य शर्मा को नॉमिनेट, आप ने जताया विरोध

दिल्ली में परिसीमन के बाद नए स्वरूप में सामने आई एमसीडी में मेयर, डिप्टी मेयर समेत स्टैंडिंग कमेटी के छह महत्वपूर्ण पदों के लिए गुरुवार 6 जनवरी को चुनाव होने जा रहे हैं. इसको लेकर आप और बीजेपी में खींचतान हो रही है. इसी बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG Vinai Kumar Saxena) ने सभी पार्षदों को शपथ दिलाने के लिए पीठासीन अधिकारी के तौर पर पार्षद सत्या शर्मा को नॉमिनेट कर दिया है.

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दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना
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Published : Jan 5, 2023, 5:06 PM IST

नई दिल्ली : शुक्रवार 6 जनवरी को एमसीडी में होने वाले मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव (Mayor, Deputy Mayor Elections in MCD) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) ने गुरुवार को मेयर चुनाव के मद्देनजर सभी पार्षदों को शपथ दिलाने के लिए पीठासीन अधिकारी के तौर पर पार्षद सत्या शर्मा को नॉमिनेट किया है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने विरोध जताना शुरू कर दिया है.

दरअसल, एमसीडी में मेयर चुनाव (MCD Mayor Poll) के तहत चुनकर आए पार्षदों में से सबसे वरिष्ठ पार्षद को ही पीठासीन अधिकारी के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह के लिए नोमिनेट किया जाता है, जो सभी पार्षदों को शपथ दिलाता है. लेकिन इस बार दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने वार्ड नंबर 226 से पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी के पद के लिए नॉमिनेट किया है. वह दो बार से पार्षद है.

इससे पहले पीठासीन अधिकारी के तौर पर आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल का नाम था, जो 6 बार से लगातार पार्षद है. लेकिन उपराज्यपाल ने पार्षदों की शपथ ग्रहण से एक दिन पहले पीठासीन अधिकारी का नाम बदले जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सवाल उठाए हैं. साथ ही एलजी पर संविधानिक शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली कंझावला केस में एक और सीसीटीवी फुटेज आया सामने, कार से उतरते दिखे आरोपी

बता दें कि बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली नगर निगम में 10 पार्षद मनोनीत किए थे. इन नामित पार्षदों को 'एल्डरमैन' के नाम से जाना जाता है. ये नामित पार्षद दिल्ली नगर निगम के जोन चुनाव में मतदान भी करते हैं. ऐसे में इसे काफी अहम निर्णय माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली कंझावला केस: पांच नहीं, सात आरोपी थे, हादसे से पहले अंजलि-निधि में 25 बार हुई थी बात

नई दिल्ली : शुक्रवार 6 जनवरी को एमसीडी में होने वाले मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव (Mayor, Deputy Mayor Elections in MCD) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) ने गुरुवार को मेयर चुनाव के मद्देनजर सभी पार्षदों को शपथ दिलाने के लिए पीठासीन अधिकारी के तौर पर पार्षद सत्या शर्मा को नॉमिनेट किया है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने विरोध जताना शुरू कर दिया है.

दरअसल, एमसीडी में मेयर चुनाव (MCD Mayor Poll) के तहत चुनकर आए पार्षदों में से सबसे वरिष्ठ पार्षद को ही पीठासीन अधिकारी के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह के लिए नोमिनेट किया जाता है, जो सभी पार्षदों को शपथ दिलाता है. लेकिन इस बार दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने वार्ड नंबर 226 से पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी के पद के लिए नॉमिनेट किया है. वह दो बार से पार्षद है.

इससे पहले पीठासीन अधिकारी के तौर पर आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल का नाम था, जो 6 बार से लगातार पार्षद है. लेकिन उपराज्यपाल ने पार्षदों की शपथ ग्रहण से एक दिन पहले पीठासीन अधिकारी का नाम बदले जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सवाल उठाए हैं. साथ ही एलजी पर संविधानिक शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

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बता दें कि बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली नगर निगम में 10 पार्षद मनोनीत किए थे. इन नामित पार्षदों को 'एल्डरमैन' के नाम से जाना जाता है. ये नामित पार्षद दिल्ली नगर निगम के जोन चुनाव में मतदान भी करते हैं. ऐसे में इसे काफी अहम निर्णय माना जा रहा है.

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