नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रायलय से अपराध पर काबू पाने के मकसद से दिल्ली पुलिस को और अधिक ताकत देने की सिफारिश की है. उन्होंने दिल्ली में तेलंगाना कानून को लागू कराने हेतु अधिसूचना जारी करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है. इस कानून के तहत पुलिस अपराधियों को एहतियातन हिरासत में ले सकती है.
उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने जून में आपराधिक गतिविधियों की ‘‘रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण के लिए कड़े कानून की आवश्यकता’’ जताते हुए दिल्ली सरकार को तेलंगाना खतरनाक गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1986 का विस्तार करने के लिए अधिसूचना जारी करने की मंजूरी मांगी थी. यह अधिनियम नशीली दवाओं के तस्करों, जमीन हड़पने वालों, खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों, फर्जी दस्तावेज बनाने, छीनने, डकैती, मादक पदार्थों की बिक्री, जुआ, यौन अपराध, साइबर अपराध आदि की गतिविधियों पर रोकथाम के लिए है. अधिकारियों के अनुसार, सक्सेना ने तेलंगाना खतरनाक गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1986 का विस्तार करने के वास्ते केंद्र शासित प्रदेश (कानून) अधिनियम, 1950 की धारा 2 के तहत अधिसूचना जारी करने के लिए दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, और इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया है. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय इस संबंध में फैसला लेगा.
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अभी मकोका और IPC के तहत कार्यवाही करती है पुलिस
दिल्ली पुलिस अभी गंभीर किस्म के अपराधियों पर मकोका और IPC ( भारतीय दंड संहिता) के तहत कार्रवाई करती है. इस दौरान देश भर में कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत कार्रवाई करती है.
क्या है तेलंगाना एक्ट
तेलंगाना प्रिवेंशन ऑफ डेंजरस एक्टिविटीज एक्ट का इस्तेमाल ‘शराब तस्करों (बूटलेगर्स), मादक द्रव्य संबंधित अपराधियों, अनैतिक तस्करी में शामिल अपराधियों, ज़मीन को हड़पने वालों, मिलावटी खाद्य अपराधियों, नकली दस्तावेज़ बनाने वालों, अनुसूचित वस्तुओं के अपराधियों, जुआरियों, यौन अपराधियों, विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने वालों, अवैध हथियार रखने वालों, साइबर क्राइम से जुड़े लोगों और व्हाइटकॉलर या वित्तीय अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा. पुलिस एहतियात के तौर पर इन्हें गिरफ्तार भी कर सकेगी.
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