नई दिल्ली: दिल्ली में उफनती यमुना के कारण आई भीषण बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हो गया है. अब राज निवास ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की अध्यक्षता वाली बाढ़ नियंत्रण और तैयारियों के लिए शीर्ष समिति की बैठक पिछले दो वर्षों में नहीं हुई है. हालांकि, दिल्ली सरकार ने इस आरोप से इनकार किया है. उनका कहना है कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में बाढ़ की तैयारियों पर चर्चा के लिए 9 मई को बैठक हुई थी. यह भी कहा गया कि उचित प्रक्रिया के अनुसार बाढ़ नियंत्रण आदेश जारी किया गया था.
सौरभ भारद्वाज ने एलजी को लिखा था पत्र: शनिवार को दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार, डिवीजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार और आईएफसी सचिव आशीष कुंद्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए पत्र लिखा था. अब इसको लेकर आज सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी जारी है.
सौरभ भारद्वाज द्वारा LG को लिखे गए पत्र की कॉपी को साझा किया है. साथ ही लिखा है कि "सुप्रीम कोर्ट की सड़क पर क्यों भरा पानी? मंत्री सौरभ भारद्वाज निष्क्रियता के लिए आईएएस अधिकारियों को दोषी मानते हैं. मंत्री ने इसे "देश की शीर्ष अदालत को शर्मिंदा करने की साजिश" बताया."
ट्विटर पर बहस जारी: ट्विटर यूजर कुमार सौरभ ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए लिखा है कि "क्या समय आ गया है. केजरीवाल जी के अनुसार 32 में से 27 द्वार काम कर रहे थे लेकिन सारा तमाशा 4 द्वार खोलने को लेकर किया जा रहा है जैसे इसी के कारण बाढ़ आई हो"
कुमार ने सवाल किया है कि जब आपने गृह मंत्री को हरियाणा से और पानी न छोड़ने का पत्र लिखा था, तब एक लाइन NDRF की मदद के लिए क्यों नहीं लिखा? उन्होंने यह भी लिखा है कि आपको लगातार NDRF को बुलाने में देर करने के बारे में चेताया. लेकिन लगता है, आप रात होने का इंतजार कर रहे थे कि किसी तरह इसको राज्य और केंद्र सरकार के टकराव की तरह दिखा सकें. आपका रवैया बहुत दुख पहुंचाने वाला है. अंततः नुकसान दिल्ली की जनता का हुआ, जिसने यहां की बागडोर आपके हाथों में विश्वास के साथ सौंपी."
कुमार के इस कमेंट को आड़े हाथ लेते हुए जुगनू नाम के यूजर ने लिखा है कि "कुछ मूर्ख ऐसे कमैंट्स कर रहे है जबकि उन्हें पता है कि वर्तमान में सारे अधिकार LG के है और जिम्मेदारी केजरीवाल. ऐसे लोगों को शास्त्रों मे धूर्त कहा गया है"
क्या है मामला: मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि इन नौकरशाहों ने जानबूझकर दो मंत्रियों के निर्देशों की अनदेखी की. उनका दावा है कि मंत्रियों ने इन अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देश दिया था कि WHO के बिल्डिंग ड्रेनेज रेगुलेटर की मरम्मत के लिए रात में एनडीआरएफ (NDRF) और आर्मी इंजीनियर्स रेजिमेंट को बुलाएं. अधिकारियों ने निर्देशों की अनदेखी की, जिससे सुप्रीम कोर्ट सहित लुटियंस दिल्ली के वीआईपी क्षेत्रों में बाढ़ आ गई. भारद्वाज ने लिखा है कि यदि मंत्रियों के निर्देशों का पालन किया गया होता तो बाढ़ से बचा जा सकता था. उन्होंने अफसरों पर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ साजिश साजिश रचने का भी आरोप लगाया है.
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