नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए अब उपराज्यपाल अनिल बैजल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना की फाइल अब उपराज्यपाल के हवाले कर दी गई है.
पिछले एक साल से दिल्ली सरकार ने इस योजना के तहत केंद्र के साथ करार नहीं किया है.
दिल्ली सरकार को भेजा था नोटिस
शुक्रवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा था. उधर उपराज्यपाल के निमंत्रण पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. इंदु भूषण ने योजना से संबंधित सभी दस्तावेज उपराज्यपाल को सौंप दिए हैं.
साथ ही यह भी बताया कि दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू होने के बाद किस तरह से इसके फायदे देखने को मिलेंगे. कैसे योजना दिल्ली के गरीबों के लिए फायदेमंद रहेगी. यह सभी जानकारी उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल को दी है.
दिल्ली सरकार ले सकती है फैसला
आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने पर उपराज्यपाल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. दिल्ली में इस योजना को लागू करने का फैसला दिल्ली सरकार ही ले सकती है. सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार इस योजना को लागू तो करना चाहती है लेकिन इसका नाम केजरीवाल योजना का नाम देने पर अड़ी है.
इस बीच एक अधिकारी ने दावा किया कि आयुष्मान भारत योजना से कई गुना ज्यादा लाभ दिल्ली सरकार की अन्य योजनाओं से लोगों को दिया जा रहा है. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त के साथ-साथ दिल्ली के अस्पताल पूरे देश में एकमात्र हैं जहां से दवाएं भी दी जा रही है. इसके अलावा वेटिंग होने पर निजी अस्पतालों में फ्री सर्जरी, एमआरआई जांच कराई जा रही है.
5 लाख तक का खर्च करती है सरकार
बता दें कि अभी तक केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर व गरीबों को 5 लाख तक का स्वास्थ्य लाभ बीमारी पर होने वाले खर्च सरकार वहन करती है. 34 राज्यों और संघ राज्य प्रदेशों ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से समझौता किया है और देश के लाखों लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.