ETV Bharat / state

सरकारी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार खत्म करने की कवायद शुरू, LG ने संबंधित प्रस्ताव को दी मंजूरी - government procurement and projects

सरकारी खरीद व परियोजनाओं में भ्रष्टाचार को खत्म करने संबंधी प्रस्ताव को LG वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. वहीं, करार का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कंपनी या वेंडर को टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 12, 2023, 8:35 AM IST

नई दिल्ली : सरकारी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार को खत्म करने की कवायद शुरू की गई है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इससे जुड़े एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अब सरकारी परियोजनाओं और सरकारी खरीद प्रक्रिया में 10 करोड़ से ऊपर के टेंडर में इंटीग्रिटी पैक्ट यानी विश्वसनीयता के करार को अनिवार्य कर दिया गया है. कॉन्ट्रैक्ट देने के बाद तय नियमों और शर्तों के तहत काम हो रहा है या नहीं, इस पर निगरानी रखने और नियम तोड़ने की शिकायत मिलने पर जांच के लिए स्वतंत्र बाहरी मॉनिटर (इंडिपेंडेंट एक्सटर्नल मॉनिटर) की नियुक्ति भी की जाएगी.

करार का उल्लंघन करने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने निर्देश दिया है कि नए नियम के तहत अब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की सभी योजनाओं और खरीद में इंटीग्रिटी पैक्ट साइन करना अनिवार्य होगा. अगर कोई कंपनी या वेंडर इस करार का उल्लंघन करते हैं,तो भविष्य में उसे ऐसे किसी भी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. साथ ही उस पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी. उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के सभी विभागों के अलावा सभी स्वायत्त निकायों और सिविक एजेंसियों नगर निगम, नगरपरिषद के लिए भी इस नियम का पालन करना अनिवार्य होगा.
ठेकेदार समेत दोनों पक्षों के लोगों को देना होगा वचन: किसी प्रोजेक्ट व कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए बोली लगाने वाले ठेकेदार समेत दोनों पक्षों के लोगों व अधिकारियों को यह वचन देना होगा कि वह किसी भी तरह से और किसी भी परिस्थिति में भ्रष्टाचार नहीं करेंगे. पूरी ईमानदारी के साथ प्रोजेक्ट या खरीद की प्रक्रिया को पूरी करेंगे. केंद्रीय सतर्कता आयोग की सिफारिशों के अनुसार वर्ष 2007 में ही इंटीग्रिटी पैक्ट और इंडिपेंडेंट एक्सटर्नल मॉनिटर की नियुक्ति के लिए प्रावधान किए जाने थे, लेकिन दिल्ली सरकार के कुछ विभागों और एजेंसियों ने 2017 से इन निर्देशों का पालन शुरू किया. उपराज्यपाल ने इस पर भी खेद जताया है कि 2017 के बाद भी एमसीडी और पीडब्ल्यूडी ने यह प्रक्रिया नहीं अपनाई है. इंटीग्रिटी पैक्ट होने से किसी योजनाओं के पूरा होने के बाद या जारी रखने के दौरान जो घपले-घोटाले के आरोप लगते हैं. चालू वित्त वर्ष में दिल्ली सरकार ने राजधानी को साफ-सुंदर और आधुनिक बनाने की थीम पर बजट पेश किया था.

नई दिल्ली : सरकारी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार को खत्म करने की कवायद शुरू की गई है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इससे जुड़े एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अब सरकारी परियोजनाओं और सरकारी खरीद प्रक्रिया में 10 करोड़ से ऊपर के टेंडर में इंटीग्रिटी पैक्ट यानी विश्वसनीयता के करार को अनिवार्य कर दिया गया है. कॉन्ट्रैक्ट देने के बाद तय नियमों और शर्तों के तहत काम हो रहा है या नहीं, इस पर निगरानी रखने और नियम तोड़ने की शिकायत मिलने पर जांच के लिए स्वतंत्र बाहरी मॉनिटर (इंडिपेंडेंट एक्सटर्नल मॉनिटर) की नियुक्ति भी की जाएगी.

करार का उल्लंघन करने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने निर्देश दिया है कि नए नियम के तहत अब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की सभी योजनाओं और खरीद में इंटीग्रिटी पैक्ट साइन करना अनिवार्य होगा. अगर कोई कंपनी या वेंडर इस करार का उल्लंघन करते हैं,तो भविष्य में उसे ऐसे किसी भी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. साथ ही उस पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी. उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के सभी विभागों के अलावा सभी स्वायत्त निकायों और सिविक एजेंसियों नगर निगम, नगरपरिषद के लिए भी इस नियम का पालन करना अनिवार्य होगा.
ठेकेदार समेत दोनों पक्षों के लोगों को देना होगा वचन: किसी प्रोजेक्ट व कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए बोली लगाने वाले ठेकेदार समेत दोनों पक्षों के लोगों व अधिकारियों को यह वचन देना होगा कि वह किसी भी तरह से और किसी भी परिस्थिति में भ्रष्टाचार नहीं करेंगे. पूरी ईमानदारी के साथ प्रोजेक्ट या खरीद की प्रक्रिया को पूरी करेंगे. केंद्रीय सतर्कता आयोग की सिफारिशों के अनुसार वर्ष 2007 में ही इंटीग्रिटी पैक्ट और इंडिपेंडेंट एक्सटर्नल मॉनिटर की नियुक्ति के लिए प्रावधान किए जाने थे, लेकिन दिल्ली सरकार के कुछ विभागों और एजेंसियों ने 2017 से इन निर्देशों का पालन शुरू किया. उपराज्यपाल ने इस पर भी खेद जताया है कि 2017 के बाद भी एमसीडी और पीडब्ल्यूडी ने यह प्रक्रिया नहीं अपनाई है. इंटीग्रिटी पैक्ट होने से किसी योजनाओं के पूरा होने के बाद या जारी रखने के दौरान जो घपले-घोटाले के आरोप लगते हैं. चालू वित्त वर्ष में दिल्ली सरकार ने राजधानी को साफ-सुंदर और आधुनिक बनाने की थीम पर बजट पेश किया था.

ये भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश पुलिस का काफिला राजस्थान में रूका, माफिया डॉन अतीक अहमद के चेहरे पर साफ दिखा खौफ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.