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'शिक्षकों को सैलरी नहीं मिलना जीने के अधिकार का उल्लंघन' - वकील अशोक अग्रवाल

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 8 हजार शिक्षकों को सैलरी नहीं मिलने के कारण वकील अशोक अग्रवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है और सैलरी देने का आदेश जारी करने की मांग की है.

letter to the chief justice of delhi high court regarding north mcd teachers salary
वकील अशोक अग्रवाल
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Published : Jun 15, 2020, 10:29 AM IST

Updated : Jun 15, 2020, 12:56 PM IST

नई दिल्लीः उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पढ़ाने वाले करीब आठ हजार शिक्षकों को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है. इस बाबत वकील अशोक अग्रवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने इन आठ हजार शिक्षकों को सैलरी देने का आदेश जारी करने की मांग की है.

8 हजार शिक्षकों को तीन महीने से नहीं मिली सैलरी

'निगम, दिल्ली और केंद्र सरकार तीनों दोषी'

अशोक अग्रवाल ने कहा कि इन शिक्षकों की सैलरी नहीं मिलने में नगर निगम, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार तीनों ही दोषी हैं. उन्होंने दिल्ली सरकार से मांग की है कि इन शिक्षकों को सैलरी दें. दिल्ली सरकार के लिए यह शर्मनाक है कि इन शिक्षकों को इसलिए सैलरी नहीं मिले कि नगर निगम के पास पैसे नहीं हैं. इस बात का फैसला बाद में हो जाएगा कि इन शिक्षकों को सैलरी नहीं मिलने में किसकी गलती है.

संविधान की धारा 21 का उल्लंघन

अशोक अग्रवाल ने कहा कि इन शिक्षकों को सैलरी नहीं मिलना संविधान की धारा 21 के तहत जीने के अधिकार का उल्लंघन है. अशोक अग्रवाल ने केंद्र सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

अशोक अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डॉक्टरों को जिस तरह सैलरी देने का आदेश दिया, उसी तरह उन्हें उम्मीद है कि हाईकोर्ट इन शिक्षकों को भी सैलरी देने का आदेश जारी करेगा.

नई दिल्लीः उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पढ़ाने वाले करीब आठ हजार शिक्षकों को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है. इस बाबत वकील अशोक अग्रवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने इन आठ हजार शिक्षकों को सैलरी देने का आदेश जारी करने की मांग की है.

8 हजार शिक्षकों को तीन महीने से नहीं मिली सैलरी

'निगम, दिल्ली और केंद्र सरकार तीनों दोषी'

अशोक अग्रवाल ने कहा कि इन शिक्षकों की सैलरी नहीं मिलने में नगर निगम, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार तीनों ही दोषी हैं. उन्होंने दिल्ली सरकार से मांग की है कि इन शिक्षकों को सैलरी दें. दिल्ली सरकार के लिए यह शर्मनाक है कि इन शिक्षकों को इसलिए सैलरी नहीं मिले कि नगर निगम के पास पैसे नहीं हैं. इस बात का फैसला बाद में हो जाएगा कि इन शिक्षकों को सैलरी नहीं मिलने में किसकी गलती है.

संविधान की धारा 21 का उल्लंघन

अशोक अग्रवाल ने कहा कि इन शिक्षकों को सैलरी नहीं मिलना संविधान की धारा 21 के तहत जीने के अधिकार का उल्लंघन है. अशोक अग्रवाल ने केंद्र सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

अशोक अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डॉक्टरों को जिस तरह सैलरी देने का आदेश दिया, उसी तरह उन्हें उम्मीद है कि हाईकोर्ट इन शिक्षकों को भी सैलरी देने का आदेश जारी करेगा.

Last Updated : Jun 15, 2020, 12:56 PM IST
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