नई दिल्ली: 16 जनवरी से दिल्ली में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी. तब पहले दिन पूरी दिल्ली में 4319 हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन लगी थी. वैक्सीन का पहला डोज लेने के 28 दिन बाद इन्हें दूसरा डोज लेना था, लेकिन 13 फरवरी को इनमें से सिर्फ 1856 हेल्थ केयर वर्कर ही दूसरे डोज के लिए आगे आए. यह कुल एलिजिबल हेल्थ केयर वर्कर्स के अनुसार, सिर्फ 42.97 फीसदी है.
'50.99 फीसदी को दूसरा डोज
आगामी दिनों में हालांकि दूसरे डोज के लिए हेल्थ केयर वर्कर्स की भागीदारी बढ़ी, लेकिन इसके बावजूद यह आंकड़ा करीब 50 फीसदी ही रहा. अब तक दूसरे डोज का वैक्सीनेशन तीन दिन हुआ है और इसकी तुलना शुरुआती तीन दिनों के वैक्सीनेशन से करें, तो इसमें भी एक बड़ा अंतर दिख रहा है. गौर करने वाली बात यह है कि ये अंतर देश के औसत से भी नीचे है.
12,902 में से 6579 को ही लगा टीका
केंद्र सरकार के आंकड़ों की मानें, तो वैक्सीनेशन के शुरुआती तीन दिनों में दिल्ली में कुल 12,902 हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी गई थी. लेकिन पहला डोज लेने के 28 दिन बाद, हालिया तीन दिनों में इनमें से सिर्फ 6579 हेल्थ केयर वर्कर ही वैक्सीन का दूसरा डोज लेने आ सके हैं. यह आंकड़ा एलिजिबल हेल्थ केयर वर्कर्स का सिर्फ 50.99 फीसदी है.
राष्ट्रीय औसत से नीचे है दिल्ली
इससे जुड़े राष्ट्रीय आंकड़े की बात करें, तो देश भर में शुरुआती तीन दिनों में 4,54,049 हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी गई थी, जिनमें से 2,76,377 हेल्थ केयर वर्कर्स को दूसरा डोज दिया जा चुका है. यानी देश भर में दूसरे डोज के लिए एलिजिबल 60.86 फीसदी हेल्थ केयर वर्कर दूसरा डोज ले चुके हैं. हालांकि विशेषज्ञ डॉक्टर्स का मानना है कि दिल्ली में दूसरे डोज के लिए भागीदारी आने वाले दिनों में बढ़ेगी.
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'आगामी दिनों में भागीदारी बढ़ने की उम्मीद'
दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि पहले डोज के समय भी शुरुआती दिनों में वैक्सीन लेने वालों की संख्या कम रही थी. इसलिए उम्मीद है कि आगामी दिनों में दूसरे डोज के लिए भी हेल्थकेयर वर्कर्स आगे आएंगे. उन्होंने कहा कि दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि कुछ लोगों को समय पर दूसरा डोज लेने का मैसेज नहीं मिल पाया हो.
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कॉल करके कर रहे मोटिवेट
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए डॉ. सुरेश कुमार ने यह भी कहा कि पहला डोज लेने के 4 हफ्ता पूरा होने के बाद दूसरा डोज लेना होता है, इसमें ज्यादा से ज्यादा एक हफ्ते का गैप हो सकता है. आगामी दिनों में दूसरा डोज लेने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए अस्पताल प्रशासन अपनी तरफ से कदम उठा रहा है. डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि हम कॉल भी कर रहे हैं और मोटिवेट कर रहे हैं.