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Read My Language Project: केजरीवाल सरकार की पहल, अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे सीखेंगे अंग्रेजी - delhi school latest news

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई के लिए सरकार ने रीड माय लैंग्वेज पायलट प्रोजेक्ट चलाने की अनुमति दी है. दक्षिणी दिल्ली के सभी स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए इस एप के माध्यम से अंग्रेजी सिखाई जाएगी.

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे सीखेंगे अंग्रेजी
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे सीखेंगे अंग्रेजी
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Published : Apr 5, 2023, 1:11 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं जो अंग्रेजी विषय में कमजोर हैं. अब ऐसे छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है. दरअसल, अंग्रेजी में कमजोर छात्रों को इस विषय में मजबूत करने के संबंध में दिल्ली सरकार की शिक्षा विभाग उनके स्कूलों में रीड माय लैंग्वेज प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र भी जारी कर दिया है.

शिक्षा विभाग ने अपने परिपत्र में दक्षिण दिल्ली के सभी सरकारी विद्यालयों के लिए रीड माई लैंग्वेज पायलट प्रोजेक्ट चलाने की अनुमति दी है. शिक्षा विभाग ने कहा कि अंग्रेजी सीखने के लिए रीड माय लैंग्वेज एप के लिए पायलट प्रोजेक्ट (मुफ्त) चलाने के लिए इनोवेटिव ऐप्स (प्रा.) लिमिटेड की ओर से 15 और 23 मार्च को प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. दक्षिणी दिल्ली के सभी स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए इस एप के माध्यम से अंग्रेजी सिखाई जाएगी.

स्कूलों के प्रमुखों को ये निर्देश: शिक्षा विभाग ने दक्षिण जिले के सरकारी स्कूलों के सभी एचओएस को निर्देश दिया है कि वे इनोवेटिव ऐप्स की टीम को अपने स्कूलों में काउंसलिंग सत्र आयोजित करने की अनुमति दें. साथ ही एक नोडल अधिकारी टीजीटी (अंग्रेजी) नामित करें, जो संगठन को पूरा करने में सहायता प्रदान करेगा.

शिक्षा विभाग के अन्य निर्देश:

  1. कार्यरत विद्यालयों को बाधित नहीं किया जाना चाहिए. छात्रों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.
  2. शिक्षा निदेशालय द्वारा संबंधित संस्था या किसी व्यक्ति को वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी.
  3. डीओएल की पूर्व स्वीकृति के बिना और भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किए बिना परियोजना में कोई विदेशी फंडिंग शामिल नहीं होनी चाहिए. परियोजना की प्रक्रिया में छात्रों और अभिभावकों की गोपनीयता प्रभावित नहीं होनी चाहिए.
  4. सामग्री में किसी भी प्रकार का विज्ञापन अर्थात नाम, चिह्न, लोगो, प्रायोजन और सामग्री नहीं दिखाई जाएगी. साथ ही इसे किसी सेलिब्रिटी द्वारा वितरित नहीं किया जाना चाहिए.
  5. निदेशक (शिक्षा) की पूर्व लिखित अनुमति से सोशल मीडिया पेजों पर छात्रों के इमागो/चित्र/वीडियो को अपलोड नहीं किया जाएगा.
  6. संगठन या शोधकर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यक्रम आयोजित करते समय कोई नुकसान न हो. संगठन की एकमात्र जिम्मेदारी होगी और अगर कोई नुकसान होता है तो इसे एचओएस की पूरी संतुष्टि के लिए ठीक किया जाना चाहिए.
  7. अनुमति विशुद्ध रूप से अंतिम है और यदि ऐसा पाया जाता है तो इसे किसी भी समय वापस लिया जा सकता है.
  8. सुनिश्चित करें कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: रामलीला मैदान में किसान मजदूर संघर्ष रैली शुरू , दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं जो अंग्रेजी विषय में कमजोर हैं. अब ऐसे छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है. दरअसल, अंग्रेजी में कमजोर छात्रों को इस विषय में मजबूत करने के संबंध में दिल्ली सरकार की शिक्षा विभाग उनके स्कूलों में रीड माय लैंग्वेज प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र भी जारी कर दिया है.

शिक्षा विभाग ने अपने परिपत्र में दक्षिण दिल्ली के सभी सरकारी विद्यालयों के लिए रीड माई लैंग्वेज पायलट प्रोजेक्ट चलाने की अनुमति दी है. शिक्षा विभाग ने कहा कि अंग्रेजी सीखने के लिए रीड माय लैंग्वेज एप के लिए पायलट प्रोजेक्ट (मुफ्त) चलाने के लिए इनोवेटिव ऐप्स (प्रा.) लिमिटेड की ओर से 15 और 23 मार्च को प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. दक्षिणी दिल्ली के सभी स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए इस एप के माध्यम से अंग्रेजी सिखाई जाएगी.

स्कूलों के प्रमुखों को ये निर्देश: शिक्षा विभाग ने दक्षिण जिले के सरकारी स्कूलों के सभी एचओएस को निर्देश दिया है कि वे इनोवेटिव ऐप्स की टीम को अपने स्कूलों में काउंसलिंग सत्र आयोजित करने की अनुमति दें. साथ ही एक नोडल अधिकारी टीजीटी (अंग्रेजी) नामित करें, जो संगठन को पूरा करने में सहायता प्रदान करेगा.

शिक्षा विभाग के अन्य निर्देश:

  1. कार्यरत विद्यालयों को बाधित नहीं किया जाना चाहिए. छात्रों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.
  2. शिक्षा निदेशालय द्वारा संबंधित संस्था या किसी व्यक्ति को वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी.
  3. डीओएल की पूर्व स्वीकृति के बिना और भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किए बिना परियोजना में कोई विदेशी फंडिंग शामिल नहीं होनी चाहिए. परियोजना की प्रक्रिया में छात्रों और अभिभावकों की गोपनीयता प्रभावित नहीं होनी चाहिए.
  4. सामग्री में किसी भी प्रकार का विज्ञापन अर्थात नाम, चिह्न, लोगो, प्रायोजन और सामग्री नहीं दिखाई जाएगी. साथ ही इसे किसी सेलिब्रिटी द्वारा वितरित नहीं किया जाना चाहिए.
  5. निदेशक (शिक्षा) की पूर्व लिखित अनुमति से सोशल मीडिया पेजों पर छात्रों के इमागो/चित्र/वीडियो को अपलोड नहीं किया जाएगा.
  6. संगठन या शोधकर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यक्रम आयोजित करते समय कोई नुकसान न हो. संगठन की एकमात्र जिम्मेदारी होगी और अगर कोई नुकसान होता है तो इसे एचओएस की पूरी संतुष्टि के लिए ठीक किया जाना चाहिए.
  7. अनुमति विशुद्ध रूप से अंतिम है और यदि ऐसा पाया जाता है तो इसे किसी भी समय वापस लिया जा सकता है.
  8. सुनिश्चित करें कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है.

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