नई दिल्ली: दिल्ली की सत्ता में प्रचंड बहुमत के साथ तीसरी बार काबिज हुई आम आदमी पार्टी की सरकार ने फरवरी में कार्यभार संभाल तो लिया, लेकिन 7 महीने बाद भी विधायकों को अभी तक अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए फंड सरकार ने जारी नहीं किया है. जिससे विधायक खासे नाराज हैं. अब चालू वित्त वर्ष में बचे हुए चंद महीने के दौरान वे जनता की उम्मीदों पर कैसे खरे उतरेंगे, उन्हें इसकी चिंता सता रही है.
विपक्ष ने उठाया मुद्दा तो सरकार ने नहीं सुनी
विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 14 सितंबर को जब विधानसभा का एक दिवसीय सत्र बुलाया गया था. तब उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया था. उन्हें उम्मीद थी कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन इस पर जवाब देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा है. उन्होंने एमएलए लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम के अंतर्गत 700 करोड़ रुपये का फंड जारी करने की मांग की थी.
जनता की समस्या बरकरार
वहीं नेता विपक्ष ने रामवीर सिंह बिधूड़ी कहा कि वे मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि जो विधायकों के फंड हैं, वह तुरंत जारी करें. क्योंकि फंड के अभाव में विकास कार्य रुके पड़े हैं. सड़कों में गड्ढे हो गए, उसे दुरुस्त नहीं किया जा सकता है. पार्कों की देखभाल से लेकर सीवर लाइन, पानी की लाइन जैसे शिकायतों को विधायक अपने बूते नहीं करा पा रहे हैं. जिससे उन्हें जनता की परेशानियों को सामना करने में मुश्किल हो रहा है.
चालू वित्त वर्ष के हर विधायक को करे फंड जारी
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बिना समय गवाएं हुए दिल्ली के सभी विधायकों को विकास कार्यो के लिए निर्धारित 10 करोड़ रुपये तत्काल जारी करना चाहिए. वे उनसे हुए मांग करते हैं और इस संबंध में वे मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे.
बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने से पहले विधायकों को विकास कार्यो के लिए प्रति वर्ष चार करोड़ रुपये दिए जाते थे, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया था. ताकि क्षेत्र में विधायक विकास कार्य करा पाएं. मगर कोरोना संक्रमण काल में इस वर्ष विकास कार्यों के मद में सरकार ने एक भी रुपया अभी जारी नहीं किया है.