नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि वो कोरोना की वजह से हाईकोर्ट के सीमित कामकाज को देखते हुए वकीलों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होने पर विचार करेगा. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर 21 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया हैं.
सुनवाई से पहले करने होती है केस की तैयारी
याचिका जामना दतवानी ने दायर की है. वकील दीपक खोसला के जरिये दायर याचिका में कहा गया है कि जज खुद ही वकील होते हैं. वे वकीलों का दर्द समझते हैं. एक वकील को अपने केस की सुनवाई से पहले तैयारी करनी होती है. लेकिन उसे पता चलता है कि उसके केस की सुनवाई नहीं होनी है या बाद में सुनवाई होगी. इससे नकारात्मक स्थिति पैदा होती है और उसे एक ही मामले की दोबारा या कई बार तैयारी करनी होती है.
कोर्ट के कामकाज को बाधित करना गलत
याचिका में कहा गया है कि कोर्ट में केसों के लंबित होने की वजह से कामकाज बाधित नहीं किया जाना चाहिए. याचिका में हाईकोर्ट, कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी), एनसीएलएटी में कामकाज को सीमित करने के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि कामकाज सीमित करने के लिए अर्जेंट मैटर की कोई परिभाषा तय नहीं की गई है जिससे मनमानी होने की आशंका है.