नई दिल्ली: दिल्ली के प्रेस क्लब में रविवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने 20 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए देश से लाखों किसानों के दिल्ली पहुंचने की घोषणा की है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने रविवार सुबह एक बैठक की और केंद्र सरकार की निंदा की.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सोमवार को महापंचायत में किसान, आदिवासी किसान, महिला किसान, खेत मजदूर और प्रवासी मजदूर, ग्रामीण श्रमिक, बेरोजगारी, व बढ़ता निर्वाह व्यय और घटती क्रय शक्ति पर केंद्र की पूंजीवादी नीतियों के प्रभाव के बारे में विस्तार से बात रखेंगे. किसान संयुक्त मोर्चा ने बैठक में यह भी कहा कि महापंचायत के माध्यम से भारत के किसान अपनी आवाज बुलंद करेंगे, और मांगें पूरी न होने तक चुप नहीं बैठेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा की मांगें-
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए कानून लाया और लागू किया जाए.
- केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित समिति को रद्द कर, एसकेएम के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए किसानों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ, सभी फसलों की कानूनी गारंटी के लिए एमएसपी पर एक नई समिति को गठित किया जाए.
- कृषि की बढ़ती लागत और फसल के लिए लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण 80% से अधिक किसान कर्ज में डूब चुके हैं और आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं. ऐसी स्थिति में सभी किसानों के लिए कर्ज मुक्ति और उर्वरकों सहित लागत कीमतों में कमी करें.
- संयुक्त संसदीय समिति को विचारार्थ भेजे गए बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए. कृषि के लिए मुफ्त बिजली और ग्रामीण परिवारों के लिए 300 यूनिट बिजली.
- लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से बाहर किया जाए और गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए.
- किसान आंदोलन के दौरान और लखीमपुर खीरी में शहीद और घायल हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास प्रदान करने के वादे को सरकार पूरा करे.
- अप्रभावी और वस्तुतः परित्यक्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रद्द कर सरकार सभी फसलों के लिए सार्वभौमिक, व्यापक और प्रभावी फसल बीमा और मुआवजा पैकेज लागू करे. नुकसान का आकलन व्यक्तिगत भूखंडों के आधार पर किया जाना चाहिए.
- सभी किसानों और खेत-मजदूरों के लिए पांच हजार रुपये प्रति माह की किसान पेंशन योजना को तुरंत लागू किया जाए.
- किसान आंदोलन के दौरान भाजपा शासित राज्यों व अन्य राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए फर्जी मामले तुरंत वापस लिए जाएं.
- सिंघु मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए एक स्मारक के निर्माण के लिए भूमि आवंटन किया जाए.