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विश्व विद्यार्थी दिवस क्यों मनाया जाता है, जानिए इसके पीछे की वजह

हर साल 15 अक्टूबर को विश्वभर विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया जाता है. इस दिन को देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मानते थे कि पढ़ाई-लिखाई में ही देश की तरक्की होगी.

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Published : Oct 18, 2020, 11:00 PM IST

विश्व विद्यार्थी दिवस क्यों मनाया जाता है
know why world student day is celebrated

नई दिल्ली: आज देश ही नहीं बल्कि विश्वभर विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि आज देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिवस मनाया जा रहा है. इन्हीं की याद में विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया जाता है. गौरतलब है कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम छात्रों के दिल के करीब रहते थे, उनका मानना था कि पढ़ाई-लिखाई में ही देश की तरक्की है.

विश्व विद्यार्थी दिवस क्यों मनाया जाता है

लाखों छात्रों को कलाम ने किया प्रभावित

आज देशभर में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को विश्वभर में विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. गौरतलब है कि सन 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर के दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस के दिन मनाने की घोषणा की. यह फैसला उनके द्वारा विज्ञान और तकनीक में गये योगदान को देखते हुए लिया गया. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक तथा राजनेता होने के साथ ही एक उम्दा शिक्षक भी थे. यहीं कारण था कि अपने भाषणों द्वारा उन्होंने लाखों छात्रों प्रभावित किया. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभी विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श थे. वह अपने मेहनत और लगन के बलबूते पर देश के सबसे उंचे संवैधानिक पद पर पहुंचे. उनकR इन्हीं उपलब्धियों के कारण उनके जन्मदिन को विश्व विद्यार्थी दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की गई है.

पढ़ाई-लिखाई को मानते थे तरक्की का साधन

उल्लेखनीय है कि विश्व विद्यार्थी दिवस भारत के सभी विद्यालयों और कॉलेजों में मनाया जाता है और इनमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नजरियों द्वारा समाज को तरक्की की ओर अग्रसित करने का प्रयास किया गया है. उनका मानना था कि छात्र देश के भविष्य है और अगर उनकी अच्छी से देखरेख की जाये तो वह समाज में कई सारे क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं. उन्होंने पढ़ाई-लिखाई को तरक्की का साधन बताया और उनका मानना था कि सिर्फ इसके द्वारा ही हम अपने जीवन से गरीबी, निरक्षरता और कुपोषण जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने युवाओं, छात्रों, प्रेरणा, विज्ञान और तकनीकी पर 18 किताबें लिखी.

विश्व विद्यार्थी दिवस को मनाना हमारे लिए काफी महत्व की बात है क्योंकि इसके द्वारा हमें कई महत्वपूर्ण सीखें मिलती है. एक विद्यार्थी के लिए यह दिन और भी ज्यादे महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन हमें इस बात की सीख देता है कि जीवन में चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों ना हो, लेकिन शिक्षा द्वारा हम हर बाधाओं को पार करते हुए बड़े से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं.

नई दिल्ली: आज देश ही नहीं बल्कि विश्वभर विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि आज देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिवस मनाया जा रहा है. इन्हीं की याद में विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया जाता है. गौरतलब है कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम छात्रों के दिल के करीब रहते थे, उनका मानना था कि पढ़ाई-लिखाई में ही देश की तरक्की है.

विश्व विद्यार्थी दिवस क्यों मनाया जाता है

लाखों छात्रों को कलाम ने किया प्रभावित

आज देशभर में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को विश्वभर में विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. गौरतलब है कि सन 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर के दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस के दिन मनाने की घोषणा की. यह फैसला उनके द्वारा विज्ञान और तकनीक में गये योगदान को देखते हुए लिया गया. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक तथा राजनेता होने के साथ ही एक उम्दा शिक्षक भी थे. यहीं कारण था कि अपने भाषणों द्वारा उन्होंने लाखों छात्रों प्रभावित किया. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभी विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श थे. वह अपने मेहनत और लगन के बलबूते पर देश के सबसे उंचे संवैधानिक पद पर पहुंचे. उनकR इन्हीं उपलब्धियों के कारण उनके जन्मदिन को विश्व विद्यार्थी दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की गई है.

पढ़ाई-लिखाई को मानते थे तरक्की का साधन

उल्लेखनीय है कि विश्व विद्यार्थी दिवस भारत के सभी विद्यालयों और कॉलेजों में मनाया जाता है और इनमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नजरियों द्वारा समाज को तरक्की की ओर अग्रसित करने का प्रयास किया गया है. उनका मानना था कि छात्र देश के भविष्य है और अगर उनकी अच्छी से देखरेख की जाये तो वह समाज में कई सारे क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं. उन्होंने पढ़ाई-लिखाई को तरक्की का साधन बताया और उनका मानना था कि सिर्फ इसके द्वारा ही हम अपने जीवन से गरीबी, निरक्षरता और कुपोषण जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने युवाओं, छात्रों, प्रेरणा, विज्ञान और तकनीकी पर 18 किताबें लिखी.

विश्व विद्यार्थी दिवस को मनाना हमारे लिए काफी महत्व की बात है क्योंकि इसके द्वारा हमें कई महत्वपूर्ण सीखें मिलती है. एक विद्यार्थी के लिए यह दिन और भी ज्यादे महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन हमें इस बात की सीख देता है कि जीवन में चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों ना हो, लेकिन शिक्षा द्वारा हम हर बाधाओं को पार करते हुए बड़े से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं.

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