नई दिल्ली: एकादशी महीने में दो बार आती है, पहली शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है. कामदा एकादशी को हिंदू नववर्ष की प्रथम एकादशी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति कामदा एकादशी का व्रत रखता है, उसे जीवन के समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और उसके कष्टों का नाश होता है. विधि विधान से कामदा एकादशी का व्रत रखने से तन और मन की शुद्धि होती हैं. कामदा एकादशी दुख और दर्द को दूर करती है और यह एकादशी का व्रत जातक और उसके परिवार को सभी प्रकार के श्रापों से बचाता है.
भगवान विष्णु की प्रतिमा को चौकी पर करें स्थापित:कामदा एकादशी के दिन ब्रह्मा मुहुर्त में उठे और स्नान के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहने. पूजा की जगह को साफ-सुथरा करके गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें. भगवान विष्णु की प्रतिमा को चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर स्थापित करें. फिर कामदा एकादशी के व्रत का संकल्प लें. इसके बाद फल, फूल, पंचामृत तिल आदि भगवान विष्णु को चढ़ाएं और उनका ध्यान करें. कामदा एकादशी की पूजा के दौरान व्रत की कथा अवश्य पढ़ें. पूजा-पाठ समाप्त होने के बाद किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं. कामदा एकादशी के व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में करें.
कामदा एकादशी मुहूर्त: कामदा एकादशी तिथि प्रारंभ :1 अप्रैल (शनिवार) 01:58 AM. कामदा एकादशी तिथि समाप्त: 2 अप्रैल (रविवार) 04:19 AM. अभिजित मुहूर्त :12:00 PM से 12:50 PM. विजय योग : 02:30 PM से 03:20 PM है.
कामदा एकादशी को ना करें ये कार्य: कामदा एकादशी के दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें. साथ ही शराब, गुटखा, सिगरेट आदि का सेवन भी न करें. कामदा एकादशी के दिन विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. साथ ही किसी पर गुस्सा ना करें और किसी को भी अपशब्द ना बोले.
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