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जजों की नियुक्ति पर भिड़े केंद्रीय मंत्री रिजिजू और CM केजरीवाल, जानें किसने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्टों में जजों की नियुक्ति के मामले पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल आमने-सामने आ गए हैं. रिजिजू ने सीजेआई को कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधित्व शामिल करने को लेकर चिट्ठी लिखी थी. वहीं, केजरीवाल ने सरकार के इस कदम को खतरनाक बताया है.

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Published : Jan 16, 2023, 5:47 PM IST

नई दिल्लीः केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्टों में जजों की नियुक्ति को लेकर तनातनी चल रही है. दरअसल, केंद्रीय मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखी थी और उसमें कहा था कि जजों की नियुक्ति को लेकर बने कॉलेजियम सिस्टम में सरकार भी अपना प्रतिनिधित्व चाहती है. इसके बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि यह सबसे ज्यादा खतरनाक है. न्यायिक नियुक्तियों में सरकार द्वारा हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. वहीं, इस ट्वीट पर किरण रिजिजू ने जवाब दिया कि न्यायिक प्रक्रिया के नाम पर सुविधा के अनुसार राजनीति नहीं होनी चाहिए. भारत का संविधान सर्वोपरि है और इससे ऊपर कोई भी नहीं हो सकता है.

किरण रिजिजू ने कहा कि सीजेआई को लिखी चिट्ठी में वही बातें लिखी गई थी, जो सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने माना था और जिस पर निर्देश दिया गया था. न्यायिक प्रक्रिया के नाम पर सुविधा के अनुसार राजनीति को मान्य नहीं किया जाना चाहिए. भारत का संविधान सर्वोपरि है और इससे ऊपर कोई नहीं हो सकता है. मुझे उम्मीद है कि आप कोर्ट के निर्देश का सम्मान करेंगे. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने जिस राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को रद्द किया था और जो उन्होंने इसके लिए निर्देश दिया था, हम उसी के अनुसार अपना कदम उठाना चाहते हैं.

केजरीवाल के ट्वीट पर किरण रिजिजू का जवाब
केजरीवाल के ट्वीट पर किरण रिजिजू का जवाब

दोनों नेताओं के बीच यह द्वंद तब सामने आया जब केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखकर कॉलेजियम सिस्टम में सरकार का प्रतिनिधित्व शामिल करने की सलाह दी थी. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए किरण रिजिजू ने कहा कि वह जजों की नियुक्ति को लेकर बने कॉलेजियम सिस्टम से संतुष्ट नहीं हैं. यह चिट्ठी उसी आधार पर लिखी गई है जिसमें सुप्रीम कोर्ट का संविधान पीठ ने कहा था कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग असंवैधानिक है लेकिन जजों की नियुक्ति के लिए कोई और बेहतर उपाय ढूंढ़े जाने चाहिए. रिजिजू की चिट्ठी इसी बेहतर उपाय की दृष्टिकोण से भेजी गई थी.

ये भी पढ़ेंः Action on Abusive Tweets: धोनी, कोहली और रोहित की बेटियां और पत्नियों के खिलाफ अभद्र ट्वीट करनेवालों पर FIR

अभी कौन-कौन हैं SC के कोलिजयम मेंः केंद्र सरकार के मुताबिक, जजों की नियुक्ति को लेकर फिलहाल कोई पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कॉलेजियम सिस्टम के लिए एक मेमोरेंडम ऑफ प्रॉसीजर (एमओपी) की संरचना तैयार करने के निर्देश भी दिए थे. सुप्रीम कोर्ट का जो मौजूदा कोलेजियम है, उसमें CJI की अगुवाई में पांच सीनियर जज हैं. CJI चंद्रचूड़ के अलावा अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अजय रस्तोगी शामिल हैं. हालांकि इनमें से कोई भी जस्टिस चंद्रचूड़ के बाद अगला चीफ जस्टिस बनने की कतार में नहीं है.

(इनपुट- ANI)

ये भी पढ़ेंः Sukesh Cheating Case: EOW ने दाखिल किया आरोप पत्र, सहयोगी पिंकी को बनाया आरोपी

नई दिल्लीः केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्टों में जजों की नियुक्ति को लेकर तनातनी चल रही है. दरअसल, केंद्रीय मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखी थी और उसमें कहा था कि जजों की नियुक्ति को लेकर बने कॉलेजियम सिस्टम में सरकार भी अपना प्रतिनिधित्व चाहती है. इसके बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि यह सबसे ज्यादा खतरनाक है. न्यायिक नियुक्तियों में सरकार द्वारा हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. वहीं, इस ट्वीट पर किरण रिजिजू ने जवाब दिया कि न्यायिक प्रक्रिया के नाम पर सुविधा के अनुसार राजनीति नहीं होनी चाहिए. भारत का संविधान सर्वोपरि है और इससे ऊपर कोई भी नहीं हो सकता है.

किरण रिजिजू ने कहा कि सीजेआई को लिखी चिट्ठी में वही बातें लिखी गई थी, जो सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने माना था और जिस पर निर्देश दिया गया था. न्यायिक प्रक्रिया के नाम पर सुविधा के अनुसार राजनीति को मान्य नहीं किया जाना चाहिए. भारत का संविधान सर्वोपरि है और इससे ऊपर कोई नहीं हो सकता है. मुझे उम्मीद है कि आप कोर्ट के निर्देश का सम्मान करेंगे. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने जिस राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को रद्द किया था और जो उन्होंने इसके लिए निर्देश दिया था, हम उसी के अनुसार अपना कदम उठाना चाहते हैं.

केजरीवाल के ट्वीट पर किरण रिजिजू का जवाब
केजरीवाल के ट्वीट पर किरण रिजिजू का जवाब

दोनों नेताओं के बीच यह द्वंद तब सामने आया जब केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखकर कॉलेजियम सिस्टम में सरकार का प्रतिनिधित्व शामिल करने की सलाह दी थी. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए किरण रिजिजू ने कहा कि वह जजों की नियुक्ति को लेकर बने कॉलेजियम सिस्टम से संतुष्ट नहीं हैं. यह चिट्ठी उसी आधार पर लिखी गई है जिसमें सुप्रीम कोर्ट का संविधान पीठ ने कहा था कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग असंवैधानिक है लेकिन जजों की नियुक्ति के लिए कोई और बेहतर उपाय ढूंढ़े जाने चाहिए. रिजिजू की चिट्ठी इसी बेहतर उपाय की दृष्टिकोण से भेजी गई थी.

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अभी कौन-कौन हैं SC के कोलिजयम मेंः केंद्र सरकार के मुताबिक, जजों की नियुक्ति को लेकर फिलहाल कोई पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कॉलेजियम सिस्टम के लिए एक मेमोरेंडम ऑफ प्रॉसीजर (एमओपी) की संरचना तैयार करने के निर्देश भी दिए थे. सुप्रीम कोर्ट का जो मौजूदा कोलेजियम है, उसमें CJI की अगुवाई में पांच सीनियर जज हैं. CJI चंद्रचूड़ के अलावा अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अजय रस्तोगी शामिल हैं. हालांकि इनमें से कोई भी जस्टिस चंद्रचूड़ के बाद अगला चीफ जस्टिस बनने की कतार में नहीं है.

(इनपुट- ANI)

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