नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अपने ही अपनों के कातिल बन रहे हैं. पैसा और नशा इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है. नशे की लत ने इतना भयानक रूप ले लिया है कि युवाओं द्वारा अपनों के खून बहाने से भी परहेज नहीं किया जा रहा. राजधानी दिल्ली में ऐसे कई मामले दर्ज हो चुके हैं, जब मामूली बात के लिए अपनों ने ही अपनों का खून बहाया.
संपत्ति के लिए की बाप की हत्या
पिछले साल पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके के फर्श बाजार में एक युवक ने संपत्ति के लालच में अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपने पिता की हत्या कर दी. बाप और बेटे के बीच प्रॉपर्टी को लेकर लंबे समय से झगड़ा चल रहा था और बेटा यह लगातार दबाव बना रहा था कि पिता अपनी सारी संपत्ति उसके नाम पर कर दे. हत्या करने के बाद भी जब बेटे का मन नहीं भरा तो उसने अपने पिता के शव को टुकड़े-टुकड़े करके एक बैग में भरकर फेंकने के लिए निकल पड़ा लेकिन पुलिस ने उससे पहले ही उसे पकड़ लिया.
नशे के लिए मां पर किया चाकू से हमला
दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में 3 दिसंबर को एक युवक ने नशे के लिए अपनी मां पर चाकू से कई वार किए. जिसके बाद महिला को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. महिला का बेटा ड्रग एडिक्ट था और लगातार नशे के लिए पैसे की मांग करता रहता था. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया था और उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया है.
पैसे के लिए की मां की हत्या
उत्तरी दिल्ली के मॉडल टाउन थाना क्षेत्र में बीते वर्ष जुलाई महीने में एक लड़का अपनी मां की हत्या कर पुलिस के पास पहुंचा था. उसने पुलिस को बताया था कि पैसे ना देने के कारण उसने अपनी मां की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी है. लड़के ने पुलिस को बताया कि उसे ड्रग्स खरीदने के लिए पैसा चाहिए था, लेकिन मां उसे पैसा देने से मना कर रही थी, जिसके बाद उसने अपनी मां की चाकू से गोदकर हत्या कर दी.
पुलिस कर रही उचित कार्रवाई
इन सब मामलों पर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी दीपक यादव का कहना है कि पुलिस लगातार ऐसे मामलों पर कार्रवाई कर रही है. कई बार ऐसे मामले परिजन द्वारा ही दबाए जाते हैं. जिससे पुलिस तक समस्या नहीं पहुंच पाती. नशे की लत के शिकार युवाओं के लिए दिल्ली पुलिस एक अलग रणनीति के तहत काम करती है. उनकी काउंसलिंग कराई जाती है और जरूरत पड़ने पर उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में भी भर्ती कराया जाता है. इसके साथ ही ऐसे युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए भी दिल्ली पुलिस समय-समय पर अभियान चलाती रहती है.
सहीं जानकारी है जरूरी
बीएलके सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक श्वेतांक बंसंल बताते हैं कि ऐसे मामलों में जानकारी का अभाव ही अपराध का बड़ा कारण होता है. ऐसे में नाबालिग बच्चों या नशे के आदी युवाओं को सही जानकारी देना जरूरी है, जिससे वे नशे के बारे में जागरूक हो सकें और खुद ही नशे से दूर रहें. इसके अलावा नशे का आदी होने पर दवाईयों का भी महत्व होता है, लेकिन ये दवाई उसे नशे से उभरने के लिए दी जाती है. नशे से उभरने के लिए जागरुकता ही रामबाण इलाज है.