नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने युवाओं की नौकरी को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने इस मामले में तुरंत केंद्र सरकार को दखल देने की मांग की है. केजरीवाल ने इस संबंध में सोमवार को ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि आईटी सेक्टर में बहुत बड़े स्तर पर युवाओं को नौकरी से निकाला जा रहा है. केंद्र सरकार को चाहिए कि भारत की स्थिति की समीक्षा करे और उचित कदम उठाएं.
दरअसल, कई आईटी कंपनी में बड़ी तादाद में युवाओं की नौकरी पर संकट के बादल छा गए हैं. काफी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला भी गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि भारी संख्या में और युवाओं की नौकरी जाएगी.
मनीष सिसोदिया ने भी किया ट्वीटः डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा है, 'एक तरफ बेरोजगारी का दर 7.1% है, नौकरियों की कमी से युवा आत्महत्याएँ कर रहे हैं और हमारे शिक्षित स्किल्ड युवा भी अपनी नौकरियाँ खो रहे है। IT कंपनियों से लगातार लोगों को निकाला जाना हमारे IT Hub के अस्तित्व और अर्थव्यवस्था के भविष्य पर सवालिया निशान है.'
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साल के आरंभ में ही कटौती की हुई थी घोषणा: बड़ी-बड़ी दिग्गज कंपनियों में शामिल गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एमोजॉन सहित अन्य कंपनी अपने यहां नौकरी में कटौती कर रहे हैं. ज्ञात हो कि इन कंपनियों ने अपने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी नौकरियों में कटौती की घोषणा की है. हालांकि, संख्या का अभी ठीक-ठीक आंकड़ा तो नहीं मिल सका है, लेकिन इसकी एक बड़ी संख्या है. अमेरिका में छंटनी शुरू हो गई है, अन्य देशों में इसे पूरा होने में सप्ताह या महीने लग सकते हैं.
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कोरोना में कंपनी ने की कमाई, अब नौकरी पर संकट: विदेशों में टेक कंपनियों में ज्यादा संख्या में नौकरी जा रही है. नौकरी जाने के पीछे कंपनी का तर्क है कि कमाई घट गई है और मुनाफा कम हो रहा है, जिसके चलते नौकरी में कटौती की गई. कोरोना काल के समय इंटेल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कम्पनी ने शानदार कमाई किया था, लेकिन अब बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छटनी कर रही है. इन बड़ी कंपनियों को देखकर अब कुछ छोटी कंपनियां भी छटनी शूरू कर दी है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इन कंपनी का आगे क्या रुख रहता है. क्या यह कंपनी आगे भी नौकरी में कटौती करती रहेंगी या फिर यहीं तक के लिए सीमित रहेगा.
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