नई दिल्ली: राजधानी में दूषित पानी को लेकर उठे सवाल के बीच जब केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से विशेषज्ञ की संयुक्त कमेटी बनाकर जांच करने की मांग करते हुए पत्र लिखा और इसमें किसी राजनीतिक लोगों को शामिल ना करने की बात कही. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे ठुकरा दिया है.
उन्होंने साफ कहा कि पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए दिल्ली सरकार ने जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और जल बोर्ड के सदस्य शलभ कुमार को नियुक्त कर दिया है. वहीं इस मामले की जांच करेंगे.
लोगों के मन में उठ रही हैं शंकाए
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निर्देश और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जिद को देखते हुए अब साफ हो गया है कि दूषित पानी को लेकर आम लोगों के मन में जो शंकाए उठी है, उसका समाधान नहीं होने वाला है.
केजरीवाल नहीं कर रहे हैं सहयोग
गौरतलब है कि दूषित पानी के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. वह ना तो जांच में सहयोग कर रहे हैं और ना ही उनके पत्रों का जवाब दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ने भी अब स्थिति साफ करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार जांच के लिए जिन दो लोगों का नाम प्रस्तावित की है वहीं मामले की जांच करेंगे. केंद्र इस पर राजनीति कर रही है.
22 नवंबर को हुई थी पानी की जांच
बीते 22 नवंबर को भारतीय मानक ब्यूरो दिल्ली की पानी की गुणवत्ता की जांच की थी उसने एक बैठक बुलाई थी. इसमें भी दिल्ली जल बोर्ड का कोई भी अधिकारी नहीं शामिल हुआ था. 9 दिसंबर को फिर पेयजल आपूर्ति के मुद्दे पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें सभी राज्यों को आमंत्रित किया गया है. इस मौके पर भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और जल बोर्ड को भी इसमें आने का न्योता दिया गया है. अब देखना यह है कि दिल्ली की पानी को लेकर जो आरोप लगे हैं उसको लेकर कौन सरकार कितनी चिंतित है.
एम्स ने बच्चों के बीमार पड़ने का कारण पानी को बताया
बता दें कि एम्स ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में दूषित पानी को लेकर बच्चों में तेजी से बीमारियां बढ़ी हैं. साफ पानी सबको मिले यह सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए. भारतीय मानक ब्यूरो की जांच रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 32 कमेटियां बनाने का ऐलान किया था. मगर अभी तक इन कमेटियों की घोषणा नहीं की गई है. वहीं केंद्र सरकार ने 32 अधिकारियों की सूची भेज दी है.