ETV Bharat / state

'युवा संसद' में छात्रों के सामने छलका केजरीवाल-रामनिवास गोयल का दर्द

दिल्ली विधानसभा की ऐतिहासिकता का वर्णन करते हुए रामनिवास गोयल ने बताया कि किस तरह 1952 में जब पहला चुनाव हुआ और चौधरी ब्रह्मपाल मुख्यमंत्री बनाए गए, तो उसके कुछ समय बाद ही उन्होंने दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग की, तो उन्हें न सिर्फ पद से हटाया गया, बल्कि दिल्ली से विधानसभा का स्टेटस भी छीन लिया गया.

दिल्ली विधानसभा
author img

By

Published : Nov 8, 2019, 9:12 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में युवा संसद का आयोजन हो रहा है. बुधवार को इसका उद्घाटन सत्र था. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना संबोधन दिया. इस संबोधन में दोनों नेताओं का दर्द भी छात्र-छात्राओं के समक्ष आ गया. दिल्ली विधानसभा की ऐतिहासिकता का वर्णन करते हुए रामनिवास गोयल ने बताया कि किस तरह 1952 में जब पहला चुनाव हुआ और चौधरी ब्रह्मपाल मुख्यमंत्री बनाए गए तो उसके कुछ समय बाद ही उन्होंने दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग की, तो उन्हें न सिर्फ पद से हटाया गया, बल्कि दिल्ली से विधानसभा का स्टेटस भी छीन लिया गया.

केजरीवाल-रामनिवास गोयल का दर्द

'इतिहास का काला अध्याय'

उन्होंने आगे कहा कि उसके बाद फिर 1993 में दिल्ली को विधानसभा का स्टेटस मिलने के बाद से पूर्ण राज्य को लेकर मांग चल रही है. मांगों का भी रामनिवास गोयल ने जिक्र किया. इसके बाद उन्होंने पूर्ण राज्य न होने के कारण सामने आने वाली परेशानियों को बयां किया. रामनिवास गोयल ने बताया कि किस तरह 2 साल पहले उन्हें उपराज्यपाल की तरफ से एक पत्र आया, जिसमें कहा गया कि अब से दिल्ली विधानसभा में विधायक, पुलिस, डीडीए और जमीन से जुड़े सवाल नहीं पूछ सकेंगे. रामनिवास गोयल ने उस पत्र को विधानसभा के इतिहास का काला अध्याय करार दिया.

इसके बाद संबोधन देने आए मुख्यमंत्री केजरीवाल की भी एक कसक छात्रों के सामने उभर कर आ गई. अरविंद केजरीवाल ने बताया कि किस तरह से डायरेक्ट डेमोक्रेसी उनका सपना रहा है, कैसे वे चाहते थे कि दिल्ली में स्वराज का कानून लागू हो, लेकिन अब तक यह अधूरा है.

'युवाओं को यह सब पता होना चाहिए'

मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली है. इसके कुछ फायदे भी हैं कुछ नुकसान भी. नुकसान यह है कि जिस जनता के टैक्स के पैसे से विकास कार्य होता है, उन विकास कार्यों में न तो जनता की सहभागिता होती है और ना ही सहमति. अगर डायरेक्ट डेमोक्रेसी होती है, तो जनता की जरूरतों के हिसाब से उनके इलाकों में विकास कार्य हो सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को यह सब पता होना चाहिए, इसलिए मैंने आप लोगों के सामने यह बात रखी.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में युवा संसद का आयोजन हो रहा है. बुधवार को इसका उद्घाटन सत्र था. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना संबोधन दिया. इस संबोधन में दोनों नेताओं का दर्द भी छात्र-छात्राओं के समक्ष आ गया. दिल्ली विधानसभा की ऐतिहासिकता का वर्णन करते हुए रामनिवास गोयल ने बताया कि किस तरह 1952 में जब पहला चुनाव हुआ और चौधरी ब्रह्मपाल मुख्यमंत्री बनाए गए तो उसके कुछ समय बाद ही उन्होंने दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग की, तो उन्हें न सिर्फ पद से हटाया गया, बल्कि दिल्ली से विधानसभा का स्टेटस भी छीन लिया गया.

केजरीवाल-रामनिवास गोयल का दर्द

'इतिहास का काला अध्याय'

उन्होंने आगे कहा कि उसके बाद फिर 1993 में दिल्ली को विधानसभा का स्टेटस मिलने के बाद से पूर्ण राज्य को लेकर मांग चल रही है. मांगों का भी रामनिवास गोयल ने जिक्र किया. इसके बाद उन्होंने पूर्ण राज्य न होने के कारण सामने आने वाली परेशानियों को बयां किया. रामनिवास गोयल ने बताया कि किस तरह 2 साल पहले उन्हें उपराज्यपाल की तरफ से एक पत्र आया, जिसमें कहा गया कि अब से दिल्ली विधानसभा में विधायक, पुलिस, डीडीए और जमीन से जुड़े सवाल नहीं पूछ सकेंगे. रामनिवास गोयल ने उस पत्र को विधानसभा के इतिहास का काला अध्याय करार दिया.

इसके बाद संबोधन देने आए मुख्यमंत्री केजरीवाल की भी एक कसक छात्रों के सामने उभर कर आ गई. अरविंद केजरीवाल ने बताया कि किस तरह से डायरेक्ट डेमोक्रेसी उनका सपना रहा है, कैसे वे चाहते थे कि दिल्ली में स्वराज का कानून लागू हो, लेकिन अब तक यह अधूरा है.

'युवाओं को यह सब पता होना चाहिए'

मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली है. इसके कुछ फायदे भी हैं कुछ नुकसान भी. नुकसान यह है कि जिस जनता के टैक्स के पैसे से विकास कार्य होता है, उन विकास कार्यों में न तो जनता की सहभागिता होती है और ना ही सहमति. अगर डायरेक्ट डेमोक्रेसी होती है, तो जनता की जरूरतों के हिसाब से उनके इलाकों में विकास कार्य हो सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को यह सब पता होना चाहिए, इसलिए मैंने आप लोगों के सामने यह बात रखी.

Intro:6 से 8 नवंबर की बीच दिल्ली विधानसभा में युवा संसद का आयोजन हो रहा है. बुधवार को इसका उद्घाटन सत्र था. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना संबोधन दिया. इस संबोधन में दोनों नेताओं का दर्द भी छात्र-छात्राओं के समक्ष आ गया.


Body:नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा की ऐतिहासिकता का वर्णन करते हुए रामनिवास गोयल ने बताया कि किस तरह 1952 में जब पहला चुनाव हुआ और चौधरी ब्रह्मपाल मुख्यमंत्री बनाए गए, तो उसके कुछ समय बाद ही जब उन्होंने दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग की, तो उन्हें न सिर्फ पद से हटाया गया, बल्कि दिल्ली से विधानसभा का स्टेटस भी छीन लिया गया.

उसके बाद फिर 1993 में दिल्ली को विधानसभा का स्टेटस मिलने के बाद से पूर्ण राज्य को लेकर चल रही है मांगों का भी रामनिवास गोयल ने जिक्र किया. इसके बाद उन्होंने पूर्ण राज्य न होने के कारण सामने आने वाली परेशानियों को बयां किया. रामनिवास गोयल ने बताया कि किस तरह 2 साल पहले उन्हें उपराज्यपाल की तरफ से एक पत्र आया, जिसमें कहा गया कि अब से दिल्ली विधानसभा में विधायक पुलिस, डीडीए और जमीन से जुड़े सवाल नहीं पूछ सकेंगे. रामनिवास गोयल ने उस पत्र को विधानसभा के इतिहास का काला अध्याय करार दिया.

इसके बाद संबोधन देने आए मुख्यमंत्री केजरीवाल की भी एक कसक छात्रों के सामने उभर कर आ गई. अरविंद केजरीवाल ने बताया कि किस तरह से डायरेक्ट डेमोक्रेसी उनका सपना रहा है कैसे वे चाहते थे कि दिल्ली में स्वराज का कानून लागू हो लेकिन अब तक यह अधूरा है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली है इसके कुछ फायदे भी हैं कुछ नुकसान भी. नुकसान यह है कि जिस जनता के टैक्स के पैसे से विकास कार्य होता है, उन विकास कार्यों में न तो जनता की सहभागिता होती है और ना ही सहमति. अगर डायरेक्ट डेमोक्रेसी होती है, तो जनता की जरूरतों के हिसाब से उनके इलाकों में विकास कार्य हो सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को यह सब पता होना चाहिए, इसलिए मैंने आप लोगों के सामने यह बात रखी.


Conclusion:लेकिन आम आदमी पार्टी के वोट बैंक को देखें या आम आदमी पार्टी के सियासी इतिहास को तो यह सिर्फ युवाओं के सामने मुख्यमंत्री के मन की बात रखने तक ही सीमित नहीं दिखती, बल्कि इसका एक सियासी उद्देश्य भी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के दर्द से दिल्ली की युवाओं को जोड़ना चाहते हैं और कहीं ना कहीं इस व्यथा कथा का रास्ता भी उसी उद्देश्य से होकर गुजरता है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.